koko kya kahti hai

कानाफूसी: संजय से कोक्को नाराज, क्रेडिट मदन को देने से खफा है कोक्को, क्या कहते हैं पक्षपाती पत्रकार

पुष्पा।
दो बार के नेता संजय ने मतदान के बाद पार्टी चीफ पर कई प्रत्याशियों को हराने के लिए काम करने का आरोप लगाया। वहीं दूसरी ओर इस बात से कोक्को बेहद खफा है। कोक्को का साफ कहना है उसकी मेहनत का क्रेडिट किसी ओर को देना ठीक नहीं है। खासतौर पर उनको जिनके वोटों का एक बडा हिस्सा खुद कोक्को के ले जाने की चर्चा है।

——————————————————
कोक्को के बारे में क्या कहते हैं पत्रकार
चुनाव की आपधापी और उम्मीदवारों के चक्कर काट—काटकर हुई थकान से अभी—अभी उबरे वरिष्ठ पत्रकार एकतरफा पक्षपाती ने बताया कि इस बार ना तो मोदी लहर थी और ना ही गोदी मीडिया कुछ कर पाई। इस बार कोक्को छाई रही। कोक्को के प्रताप से वहीं बच पाया जो जमीन पर था। जिसके पैर जमी पर नहीं थे उसके वोट कोक्को ले गई। कोक्को ने इस बार बहुत मेहनत की है इसलिए कोक्को का क्रेडिट किसी ओर को देना सही बात नहीं है। कोक्को की नाराजगी जायज है।
चुनाव में पेड न्यूज लिख—लिख कर चुनाव आयोग की आंखों में धूल झोंकने वाले अनुभवी पत्रकार हरजेब कटान ने बताया कि इस बार ना तो हरी पत्ती से कुछ हुआ ना गुलाबी पत्ती का असर देखने को मिल रहा है। ना पव्वे से काम चला ना अध्धे का असर दिखा। इसबार असर था तो सिर्फ कोक्को का, जिसने सच में पांच साल जनता की सेवा की और जनता के लिए संघर्ष किया वो ही कोक्को से बच पाया। बाकी सबके वोट कोक्को ले गई। कोक्को ने ना हाथ वालों को छोडा, ना फूल को ना हाथी को, ना बाकियों को। इसलिए कोक्को की क्षमता और निष्पक्षता पर सवाल नहीं उठाना चाहिए।

Share News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *