करण खुराना/विकास कुमार।
हरिद्वार शहर से कांग्रेस के प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी का हरियाणावाद वाला जिन्न फिर बाहर आ गया है। भाजपा के सोशल मीडिया वॉलेंटियर हरियाणावाद को लेकर सतपाल ब्रह्मचारी पर टारगेट कर रहे हैं, जिसे एक सोशल मीडिया पर समर्थन भी मिल रहा है। खास बात ये है कि सतपाल ब्रह्मचारी की ओर से खुद ही हरियाणावाद को लेकर मुद्दा बनाने का मौका एक बार नहीं बार—बार दिया जा रहा है जिसे मदन खेमे के सोशल वॉरियर जमकर भुना रहे हैं।
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हरिद्वार की मीडिया पर यकीन नहीं हुआ वायरल
सतपाल ब्रह्मचारी के साथ हाल ही में प्रचार के दौरान मीडिया संस्थानों की दो टीमें घूमती नजर आई। खन्ना नगर प्रचार के दौरान विवाद में इन दोनों मीडिया संस्थानों के लोगों ने एक तरफा समर्थन में वीडियो बाइट लेकर पोस्ट डाली जिसे सतपाल ब्रह्मचारी के आधिकारिक फेसबुक पेज से भी खूब शेयर किया गया। वहीं जब इन संस्थानों के फेसबुक पेज और अन्य जानकारी भी सोशल मीडिया पर आई तो भाजपा के लोगों ने तुरंत मुद्दा लपक लिया। असल में इनमें से एक संस्थान मुख्य तौर पर हरियाणा का था जबकि महज वो हरिद्वार शहर में सतपाल की खबरें कवर कर रहा था। वहीं दूसरा संस्थान एनसीआर दिल्ली का बताया जा रहा था जिसके कथित पत्रकार प्रचार के दौरान सतपाल ब्रह्मचारी के साथ छाया बनकर घूम रहे थे। इसको लेकर सोशल मीडिया पर जमकर सतपाल ब्रह्मचारी को ट्रोल किया गया और लिखा गया कि ”ये हरियाणा का चैनल पर्सनली काम करने के लिए बुलाया गया है, कांग्रेसी प्रत्याशी द्वारा क्या हरिद्वार की मीडिया पर विश्वास नहीं है…”
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इंटरव्यू के जरिए फिर हुए टारगेट
वहीं सतपाल ब्रह्मचारी का एक इंटरव्यू का अंश वायरल किया जा रहा है जिसमें हरियाणा की बातों का जिक्र किया गया है। हालांकि, संभवत: हरियाणावाद के टैग की काट करने के लिए सतपाल ब्रह्मचारी की टीम ने ही ये स्पांसर इंटरव्यू करवाया होगा। लेकिन अब ये उल्टा तीर साबित हो रहा है। जिसे भाजपा के सोशल वॉरियर हरियाणावाद को लेकर सतपाल ब्रह्मचारी को अच्छे से टारगेट कर रहे हैं।
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हरियाणावाद का क्या है मामला
असल में सतपाल ब्रह्मचारी मूलरूप से हरियाणा के रहने वाले हैं लेकिन बाल अवस्था में ही वो शिक्षा के लिए हरिद्वार आ गए थे और यहीं उन्होंने ब्रह्मचर्य लिया। अब वो संत के तौर पर हरिद्वार में राधा कृष्ण धाम में रहते हैं। उनके कई रिश्तेदार भी हरिद्वार में ही निवास करते हैं। हरिद्वार में उत्तरी हरिद्वार के एक हिस्से को कुछ लोग मिनी हरियाणा के तौर पर भी कमेंट करते हैं। चूंकि कांवड के दौरान हरियाणा से अधिकतर श्रद्धालु आते हैं और अक्सर स्थानीय लोगों और व्यापारियों से विवाद हो जाता है। जिसके कारण स्थानीय लोगों में इसको लेकर कुछ नाराजगी रहती है। हालांकि, सभी लोग ऐसा नहीं मानते हैं लेकिन जब बात चुनाव की हो तो सारी अच्छाई और बुराई सामने आ जाती है और कौन सा मुद्दा कब हवा ले जाए कुछ अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।
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इमलीखेडा बनाम हरियाणा
वहीं सतपाल ब्रह्मचारी के समर्थन में कांग्रेस की ओर से मदन कौशिक को उनके मूल गांव इमलीखेडा में भेजने की बाती सोशल मीडिया पर चलवाई गई। इमलीखेडा हरिद्वार जनपद की कलियर विधानसभा में आता है जहां से मदन कौशिक हैं। वहीं जब कांग्रेस इमलीखेडा लाई तो भाजपा के सोशल वॉरियरों ने तुरंत हरियाणा का मुद्दा लपक लिया।
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