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Haridwar Pod Car Route
Haridwar Pod Car Route हरिद्वार में पोड कार रुट पर बात नहीं बन पाई है। ज्वालापुर से लेकर हरिद्वार और कनखल के व्यापारियों ने एक स्वर में शहर के बीच से पोड कार रुट का विरोध किया। साथ ही गंगा किनारे पोड कार रुट बनाए जाने की वकालत की। जिसके बाद फिलहाल पोड कार प्रोजेक्ट लटका सा नजर आ रहा है। वहीं जिलाधिकारी धीरज सिंह गर्बयाल ने क्या कुछ कहा नीचे तक पढें।
पोड कार ज्वालापुर के सीतापुर से शुरु होनी है और ज्वालापुर कोतवाली से होते हुए कस्साबार, उंचा पुल, आर्य नगर, तहसील मार्ग, शंकर आश्रम, रानीपुर मोड, देवपुरा, रेलवे स्टेशन मार्ग, वाल्मिकी चौक, से होते हुए अपर रोड, हरकी पैडी, भीमगोडा और भूपतवाला तक जानी है। जबकि चंद्रचार्य चौक से कनखल के लिए निर्मल बाग होते हुए कृष्णा नगर, देशरक्षक तिराहा से होते हुए बूढी माता मंदिर और गुलाब बाग तक जाएगी। इस मार्ग पर कुल 21 स्टेशन होंगे।
व्यापारियों ने क्या—क्या कहा
पोड कार रुट पर सहमति बनाने के लिए सोमवार को सीसीआर टावर में उत्तराखण्ड मेट्रो रेल कोरपोरशन के अधिकारी और व्यापारियों के बीच जिला प्रशासन के अफसरों की मौजूदगी में वार्ता कराई गई। पूरे रुट का खाका और स्टेशनों का ब्यौरा इसमें दिया गया। Haridwar Pod Car Route
लेकिन व्यापारियों ने इस रुट को सिरे से खारिज कर दिया। व्यापारी नेता संजीव नैयर और सुरेश गुलाटी ने कहा कि प्रोजेक्ट पर हमारा विरोध नहीं है बल्कि इसके प्रस्तावित रुट पर हम सहमत नहीं है और ना ही सहमत होंगे। उन्होंने कहा कि शहर के बीच से जाने वाला रुट समस्याएं पैदा करेगा और इससे हरिद्वार को भारी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट को लाने वाले अधिकारी इससे पैसा कमाना देख रहे हैं जबकि व्यापारियों और शहरवासियों के हितों का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। Haridwar Pod Car Route
व्यापारियों ने साफ कहा कि ज्वालापुर से लेकर हरिद्वार तक नहर किनारे इस रुट को बनाया जाए। इसके अलावा हमें कोई भी अन्य रुट मंजूर नहीं होगा। इस दौरान भाजपा के जिला महामंत्री आशुतोष शर्मा, व्यापारी नेता संजीव चौधरी, सुनील सेठी, संजय चोपड़ा ने भी प्रोजेक्ट की तैयारियों में कई सारी कमियां गिनाई। जिस पर जिलाधिकारी ने जवाब मांगा है। वहीं रुट को लेकर गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने भी अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।
अब नए रुट पर हो सकता है काम
वहीं जिलाधिकारी धीरज सिंह गर्बयाल ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि व्यापारियों के लिखित विरोध को शासन तक पहुंचाया जाएगा। फिलहाल व्यापारी रुट को लेकर जो विरोध हैं और गंगा किनारे रुट की भौतिक स्थिति और तकनीकी सर्वे के लिए असिसमेंट कराया जा सकता है। ताकि आगे की मीटिंग में दोबारा टेबल टॉक हो सके। रुट का एक संयुक्त सर्वे पर भी राय आई है जिस पर काम किया जाएगा।
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