रतनमणी डोभाल।
हरिद्वार में विकास की बयार बह रही है और विकास की इस गंगा में नया कीर्तिमान जुड़ा है रोडीबेलवाला मैदान का विकास। जिसमें घास बिछाने, सडक बनाने व अन्य काम पर 18 करोड रूपए खर्च किए जा रहे है।ं होनहार अफसरों की इस कीर्तिमान का जब पता शिक्षा मंत्री और हरिद्वार के सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक को लगा तो उन्होंने अफसरों को खरी खोटी सुनाई और कार्यदायी संस्था से जवाब तलब कर लिया। गौरतलब है कि डा. निशंक ने 2018 में हरकी पैडी पर बैठने की क्षमता बढाने के लिए इंडियन आॅयल काॅरपोरेशन से 35 करोड पास कराए थे। ये पैसा सीएसआर फंड से लगना था। लेकिन अधिकारियों ने 18 करोड रोडीबेलवाला मैदान के लिए रख दिए। जिसके बाद से शिक्षा मंत्री गुस्सा है और अधिकारियों से जवाब तलब कर रहे हैं। वहीं स्थानीय लोग और व्यापारी भी बजट की बंदरबांट से नाराज हैं। ये काम दिल्ली की संस्था कर रही है। और स्थानीय हरिद्वार विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने इस प्रोजेक्ट में अपनी भूमिका ना होने का दावा किया है।
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भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने उठाया मुद्दा
वहीं स्थानीय पार्षद पति और भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष कन्हैया खेवडिया ने अफसरों पर मनमानी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि डा. निशंक का ये ड्रीम प्रोजेक्ट था और 2018 में मैं इस प्रोजेक्ट का हिस्सा था। तब डा. निशंक ने मुझे इसमें हरकी पैडी क्षेत्र का प्रतिनिधि होने के कारण प्रोजेक्ट में रखने के लिए कहा था। लेकिन अफसरों ने सब कुछ अपनी मनमर्जी से किया। अब हरकी पैडी पर सिर्फ पुरानी टाइलों को बदलने का काम किया जा रहा है। वहीं 18 करोड रोडीबेलवाला मैदान में घास बिछाने पर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये पैसे की बरबादी है क्योंकि रेाडीबेलवाला मैदान को कुंभ ओर स्नान पर्वों के दौरान भीड प्रबंधन के लिए प्रयोग किया जाता है और यहां पुकिस के कैंप भी लगते हैं। उन्होंने पूरे मामले को डा. निशंक को अवगत कराया और तब जाकर वो निरीक्षण करने आए।
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डा. निशंक के करीबी और वरिष्ठ पत्रकार गोपाल रावत ने बताया कि इस पैतीस करोड़ रूपये से होने वाले कार्यो को कराने की जिम्मेदारी वेबकाॅम संस्था को दी गयी थी,जिसने नमामि गंगे एंजेसी से इसकी डीपीआर डिटेल प्रोजेक्ट रिर्पोट बनवायी ,लेकिन इस कार्य का टेंडर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के यूपीडीसी ने निकाला । यह टेंडर एक प्राइवेट कम्पनी सत्य काॅम फर्म के नाम छूटा जो कि वर्तमान में यह कार्य कर रही है। इस टेंडर के तहत जो कार्य कराया जा रहा है,उसमें हर की पैड़ी क्षेत्र में घाटों,प्लेटफार्म पर पत्थर लगाने,दो प्रवेश द्वार बनाने,घाटों पर पुरानी रेंलिंग के स्थान पर स्अील की रैलिंग,चैन लगाने तथा बड़ी लाईव प्रसारण के लिए एलईडी स्øीन लगाने आदि का कार्य किया जा रहा है। जबकि इस पूरे बजट का बहुत बड़ा हिस्सा लगभग 18-19करोड़ रूपये सीसीआर से चण्डी चैक तक रोडी बेलवाला में समतलीकरण करने तथा घास लगाने में खर्च किया जा रहा है। रोडीबेलवाला मैदान में लगभग 84हजार वर्गमीटर घास लगायी जा रही है तथा सीसीरोड का निर्माण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त लगभग 2करोड़ रूपये की लागत से एक शौचालय का निर्माण किया जा रहा है। कुल मिलाकर इस बजट का बहुत बड़ा हिस्सा समतलीकरण करने तथा घास लगाने में खर्च कर दिया गया है।
बतातें चले कि रोड़ी बेलवाला मेला लैण्ड के रूप में आरक्षित है जिस पर स्थायी निर्माण नही किया जा सकता। साथ ही कुम्भ मेले के दौरान यहा पर यात्रियों की भीड़ नियत्रित करने के लिए बल्लियों के अस्थायी बाड़े बनाए जाते है। जिग जेग व चक्रव्यूह की तरह बनाए गए इन बाड़ोमें भीड़ को घुमाया जाता है ताकि हर की पैड़ी पर भीड़ नियत्रित रह सके। प्रश्न यह उठता है कि जब बाड़े बैरिकंटिंग बनायी जायेगी तब इस घास का क्या होगा। केन्द्रीय मंत्री डा.निशंक ने इसको बड़ी गंभीरता से लिया है और इस सन्दर्भ में सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को तलब किया है। डाॅ0निशंक द्वारा अपने स्तर पर पूरी योजना की जानकारी एकत्र की जा रही है।
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