विकास कुमार।
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष तिलक राज बेहड़ ने हरिद्वार में कांग्रेस के एक कार्यक्रम में उन नेताओं को खूब खरी खोटी सुनाई जो टिकट की आस में शक्ति प्रदर्शन के लिए अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे। तिलक राज बेहड ने कहा कि अब वो दिन लद गए जब शक्ति प्रदर्शन से टिकट मिल जाया करते थे। अब उन्हीं नेताओं और कार्यकर्ताओं को टिकट दिया जाएगा प्रत्येक बूथ से 15 कार्यकर्ताओं के नाम, उनके नंबर और वोटर आईडी लेकर आएंगे। ये सब होगा तभी आवेदन पर विचार किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने इशारों ही इशारों में कांग्रेस में गुटबाजी करने वाले नेताओं को आडे हाथों भी लिया।
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बेहड फार्मूला चला तो इनको नहीं मिलेगा टिकट
हरिद्वार में कांग्रेस के अधिकतर नेता सिर्फ कागजी और जबानी जमाखर्च में रहते हैं। जमीन पर ना तो ये उतरते हैं और ना ही इनके पास बूथ कार्यकर्ता ही हैं। ऐसे में बूथ कार्यकर्ता वो भी एक नहीं 15 कहां से लाएंगे। अगर यही फार्मूला रहा तो हरिद्वर नगर से सतपाल ब्रह्मचारी, अशोक शर्मा, संजय पालीवाल, अनिल भास्कर जैसे बडे नेताओं का नंबर नहीं आएगा। क्योंकि इनके पास बूथ कार्यकर्ता तो छोडिए भाजपा के गढ मध्य हरिद्वार में बस्ते पर बैठने वाला भी कोई नहीं है। वहीं रानीपुर का भी यही हाल है, रानीपुर में राजबीर सिंह, महेश प्रताप राणा, विमला पांडेय, वरुण बालियान ऐसे नेता है जो रानीपुर जैसे बडे क्षेत्र में हर जगह स्वीकार्य नहीं है। यही नहीं हरिद्वार ग्रामीण से लेकर अन्य विधानसभाओं का भी यही हाल है। वहीं महानगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि टिकट तो उन्हीं को मिलेगा जो बूथ पर मेहनत करेगा। इसके अलावा किसी के नाम पर विचार नहीं किया जाएगा।
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शक्ति प्रदर्शन में आमने—सामने आए सतपाल और अशोक के समर्थक
वहीं शक्ति प्रदर्शन में हरिद्वार नगर सीट से सतपाल ब्रह्चारी और मेयर पति अशोक शर्मा के समर्थक आमने—सामने आ गए। दोनों टिकट के दावेदार हैं और दोनों में फिलहाल कोल्ड वार चल रहा है। दोनों एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगा चुके हैं। ऐसे में अगर इन दोनों में से किसी एक को टिकट मिल भी गया तो जिसको नहीं मिलेगा वो दूसरे को हराने का काम करेगा।
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कार्यक्रमों में आते नहीं टिकट मांगने के लिए लाए भीड
वहीं कार्यक्रम में अधिकतर नेता भीड के साथ आए, जबकि कांग्रेस के धरने प्रदर्शनों में नेताजी अकेले ही मुंह उठाए चले आते हैं। एक कांग्रेस नेता ने बताया कि अधिकतर शक्ति प्रदर्शन के लिए आए थे। लेकिन जब इन्हें कार्यक्रमों में बुलाया जता है तब ये बहाने बना देते हैं। ऐसे नेताओं पर पार्टी की नजर है और टिकट बंटवारे में इन नेताओं का ध्यान रखा जाएगा।
बात तो सही है, बूथ पे काम करना जरूरी है, लेकिन महानगर अध्यक्ष का पद तक यंहा किसी के रहमोकरम पे चल रहा