congress stage protest of doing user charge slip compulsory in haridwar nagar nigam

कांग्रेस पार्षद के प्रस्ताव पर निगम की मनमानी शुरु, कांग्रेसियों ने ही हल्ला बोल विरोध जताया


रतनमणी डोभाल।
हरिद्वार नगर निगम में यूजर चार्ज की रसीद को कोई भी काम कराने के लिए जरुरी करने के नियम के खिलाफ गुरुवार को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हल्ला काट दिया। इसमें सतपाल ब्रह्मचारी, मुरली मनोहर सहित कांग्रेस के कई दूसरे पार्षदों ने विरोध जताया। वहीं, इस यूजर चार्ज की रसीद को काम के लिए कंपल्सरी करने का प्रस्ताव देकर खुद अपनी पीठ थपथपाने वाले कांग्रेसी पार्षद इस हल्ला बोल कार्यक्रम में नजर नहीं आए। वहीं लोग अब पार्षद की नासमझी पर सवाल उठा रहे हैं। congress stage protest of doing user charge slip compulsory in haridwar nagar nigam

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क्या है पूरा मामला, चेले की नादानी पर गुरुजनों का प्रदर्शन
एक अप्रैल से नगर निगम के आयुक्त ने निगम से जुडे कार्यों जैसे जन्म—मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कूडा उठाने वाली यूजर चार्ज की रसीद अनिवार्य कर दी गई। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पडा। खासबात ये है कि इस तानाशाही कदम को ज्वालापुर से आने वाले कांग्रेस के ही पार्षद ने अपने मुंह मियां मिट्ठू बनते हुए फेसबुक पर डाला और बताया गया कि ये प्रस्ताव उन्होंने ही दिया था और अब नगर आयुक्त ने इसे लागू कर दिया। वहीं लोगों को हो रही परेशानी पर अंबरीष कुमार विचार मंच के बैनर तले कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इस मसले पर नगर निगम को घेर लिया। नगर निगम के इस प्रदर्शन में पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी भी शामिल हुए। वहीं कांग्रेस नेताओं ने दो टूक कह दिया कि ये फैसला नियमानुसार नहीं है और इसे लागू किया गया तो बडा आंदोलन खडा कर दिया जाएगा।

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यूजर चार्ज में है बडा खेल
जिस यूजर चार्ज की रसीद को अनिवार्य करने की बात कही जा रही है, उसमें बडा खेल हैं। निगम के अफसरों और मेयर अनीता शर्मा को सामने आकर ये बताना चाहिए कि प्रति माह कितना यूजर चार्ज जमा हो रहा है। क्योंकि अधिकततर घरों से यूजर चार्ज कलेक्ट किया जा रहा है और कितना निगम में जमा हो रहा है। इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है और पूरा खेल हो रहा है। मुरली मनोहर ने कहा कि कंपनी यूजर चार्ज ले रही है और यहां तानाशाही नियम लागू किए जा रहे हैं। जब तक हम हैं ऐसा बिल्कुल नहीं होने दिया जाएगा। यूजर चार्ज में हो रही धांधली की जांच की जानी चाहिए।

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क्या कहती हैं मेयर
मेयर अनीता शर्मा ने कहा कि कुछ गलतफहमी हो गई थी। जिसे दूर कर दिया गया है। अब कोई रसीद अनिवार्य नहीं है। अफसर अपनी मनमानी कर रहे हैं, हमारे पास कोई फाइल नहीं आती है।

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