रतनमणी डोभाल/विकास कुमार।
विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद का जलवा बरकरार है और अब वो हरिद्वार के पंचायत राजनीति में सक्रिय हो गए हैं। हालांकि ये बताया जा रहा है कि वो जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड सकते हैं। लेकिन स्वामी की सक्रियता को देखते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने नया दांव चलकर स्वामी खेमे को सोचने पर मजबूर किया है।
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स्वामी की विधानसभा के नेता को एंट्री कराई लेकिन पूछा तक नहीं
मदन कौशिक ने पंचायत चुनाव से पहले कांग्रेस और बसपा के कई बडे नेताओं की एंट्री भाजपा में करा दी। इसमें सुभाष चौधरी, अंतरिक्ष सैनी, सतीश कुमार जैसे नाम शामिल हैं। भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं के कार्यक्रम में ये खास बात रही कि इसमें स्वामी यतीश्वरानंद गैरहाजिर जबकि कांग्रेस नेता सुभाष चौधरी तो खुद स्वामी यतीश्वरानंद की विधानसभा हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र के रिहायशी है। हालांकि बाद में स्वामी खेमे की ओर से इस जाहिर कि गया कि जिन लोगों को मदन कौशिक ने भाजपा में शामिल कराया है, उनके पास जनाधार नहीं है और सुभाष चौधरी, अंतरिक्ष सैनी जैसे दोनों नेताओं की विधानसभा चुनाव में जमानत जब्त हो चुकी है। लेकिन मदन कौशिक ने ये दांव चलकर पंचायत राजनीति में खुद की भूमिका को नजरअंदाज ना करने की चेतावनी के तौर पर दिखाया है। इससे आने वाले दिनों में स्वामी यतीश्वरानंद की पंचायत राजनीति का सिरमौर बनने के सपनों को साकार करने में दिक्कतें पेश आ सकती हैं।
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क्या सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने स्वामी यतीश्वरानंद से बनाई है दूरी
वहीं दूसरी ओर पिछले कुछ कार्यक्रमों में स्वामी यतीश्वरानंद और हरिद्वार सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक के बीच दूरियां देखी गई है। भाजपा में शामिल होने वाले कार्यक्रम में निशंक और सीएम पुष्कर सिंह धामी पहुंचे थे। सूत्रों की मानें तो स्वामी यतीश्वरानंद के लोकसभा चुनाव लडने की संभावनाओं की हवा चलने के कारण डा. निशंक और स्वामी यतीश्वरानंद के बीच दूरिया बढ़ी है जो अब प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से करीबियों के तौर पर देखा जा रहा है।
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