विकास कुमार।
उत्तराखण्ड में त्रिवेंद्र सिंह रावत के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद बुधवार को नए सीएम का चुनाव होगा और इसी के साथ गुरुवार को शपथ ली जा सकती है। सूत्रों के अनुसार सीएम की रेस में त्रिवेंद्र सिंह रावत के करीबी धन सिंह रावत, राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी का नाम चर्चा में हैं। लेकिन नया सीएम चाहे जो भी हो बडा सवाल ये है कि सरकार में कथित तौर पर नंबर दो की हैसियत रखने वाली शासकीय प्रवक्ता और शहरी विकास विभाग जैसी अहम मंत्रालयों को संभाल चुके मदन कौशिक का क्या होगा। क्या वो अपनी साख बचा पाएंगे, क्या उन्हें नए सीएम की टीम में भी भारी भरकम मंत्रालय मिल पाएंगे या फिर कोई बदलाव होगा। ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि अगला सीएम कौन होगा।
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हरिद्वार की राजनीति पर क्या असर पडेगा
वरिष्ठ पत्रकार अवनीश प्रेमी बताते हैं कि उत्तराखण्ड के ताजा घटनाक्रम से हरिद्वार की राजनीति पर बहुत ज्यादा असर तो नहीं पडेगा लेकिन ये जरुर है कि नए सीएम किस तरह से अपनी टीम बनाता है और किसको क्या जिम्मेदारी दी जाएगी, ये महत्वपूर्ण होगा। फिलहाल तो मदन कौशिक हो या फिर कोई दूसरे मंत्री सब अपना पोर्टफोलियो बचाने में जुटे हैं और हाईकमान के आदेश के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी।
वरिष्ठ पत्रकार महावीर नेगी बताते हैं कि नए सीएम की रेस में धन सिंह रावत और अनिल बलूनी का नाम चर्चा में हैं। अगर अनिल बलूनी आते हैं तो फिर वो अपनी तरीके से टीम बनाएंगे और इसमें नए मंत्री भी सामने आ सकते हैं जबकि पुरानों के विभाग भी बदले जा सकते हैं या फिर छुट्टी भी हो सकती है। जहां तक मदन कौशिक का सवाल है ये बात सही है हरिद्वार के अधिकतर भाजपा विधायक उनके खिलाफ रहे हैं लेकिन मदन कौशिक मंत्री पद पाने में कामयाब हो जाएंगे, हो सकता है उन्हें कोई नई जिम्मेदारी मिल जाए।
वरिष्ठ पत्रकार राव शफात अली बताते हैं कि हरिद्वार से एक नया मंत्री बनाने की भी चर्चा है लेकिन संभावना कम ही नजर आती है। हरिद्वार की राजनीति इस बात पर निर्भर करेगी कि सीएम का अगला चेहरा कौन होता है। जाहिर सी बात है अनिल बलूनी होने से मदन कौशिक विरोधी भाजपा विधायकों को फायदा हो सकता है। लेकिन कुल मिलाकर भाजपा को ताजा घटनाक्रम से बहुत फायदा होगा ये कहना जल्दबाजी होगी। क्योंकि समय बहुत कम है और काम ज्यादा बल्कि कहीं ज्यादा।