विकास कुमार/हरीश कुमार।
भाजपा की विजय संंकल्प रैली के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का भाषण कराने को लेकर प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और हरिद्वार के सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक में शब्दबाण चल गए। हालात यहां तक पहुंच गए कि निशंक ने मदन कौशिक की नहीं चलने दी और समापन स्थल से पहले ही जेपी नड्डा का भाषण करा दिया। वहीं मदन खेमे के भाजपा समर्थक और नेता शिवमूर्ति पर स्वागत के लिए इंतजार ही करते रह गए और ललतारौ पुल पर भाषण के बाद नड्डा रथ से उतरकर चलते बने। जहां जेपी नड्डा का भाषण हुआ वहां मदन कौशिक के सामने दावेदारी पेश करने वाले पूर्व मेयर मनोज गर्ग अपने समर्थकों के साथ नड्डा का स्वागत करने के लिए जमा थे।
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क्यों हुई रार
प्रत्यक्षदशियों की मानें तो पंतद्वीप पार्किंग में विजय संकल्प रैली का शंखनाद होना था लेकिन कार्यक्रम में भीड ना जुटने और देरी के कारण आनन—फानन में बिना किसी का भाषण कराए यात्रा शुरु कर दी गई। यात्रा हरकी पैडी से होते हुए शिवमूर्ति तक पहुंचनी थी। जहां कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय अध्यक्ष का स्वागत करना था। ललतारौ पुल के पास पूर्व मेयर मनोज गर्ग अपने समर्थकों के साथ स्वागत को खडे थे। जब रैली ललतारौ पुल के पास पहुंची तो कार्यकर्ता बडी संख्या में रथ के सामने आ गए और राष्ट्रीय अध्यक्ष का स्वागत करने के लिए आतुर हो गए। इधर, रथ से माइक संभाल रहे मदन कौशिक ने कार्यकर्ताओं को रास्ता देने का आदेश दिया और कहा कि समापन कार्यक्रम शिवमूर्ति पर होना है। इस बीच रथ में मौजूद निशंक कार्यकर्ताओं को स्वागत किए जाने का समर्थन कर रहे थे। इसी बीच निशंक को नीचे से किसी ने माइक दे दिया और उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से समापन संबोधन करने की सिफारिश कर दी। जब जेपी नड्डा तैयार हो गए तो मदन कौशिक ने भी सरेंडर कर दिया और शिवमूर्ति से पहले ही नड्डा ने भाषण दिया और रथ से उतरकर अपनी मंजिल की ओर बढ गए। जिससे शिवमूर्ति पर खडे भाजपा कार्यकर्ता मायूस हो गए। हालांकि बाद मदन कौशिक और निशंक रथ के जरिए शिवमूर्ति तक पहुंचे।
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