केडी/विकास कुमार।
रवासन नदी में भाजपा के मंडल अध्यक्ष आलोक द्विवेदी को जिस प्राइवेट लैंड से रिवर ट्रेनिंग के नाम पर खनन की अनुमति दी गई, उसी लैंड यानी जमीन के मालिक किसान ने जिलाधिकारी और खनन अधिकारी को पत्र लिखकर खनन की अनुमति निरस्त किए जाने की मांग की थी। ये पत्र 28 अक्टूबर को लिखा गया था। बावजूद इसके ना तो जिलाधिकारी हरिद्वार ने इसमें कोई कार्रवाई की और ना ही अवैध खनन पर वन विभाग ने कोई एक्शन लिया। भाजपा नेता के खनन और अवैध खनन दोनों पर मेहरबानी करने को लेकर ही आम आदमी पार्टी सीधे तौर पर भाजपा नेता के खास स्थानीय विधायक व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद पर निशाना साध रही है। आम आदमी पार्टी नेता नरेश शर्मा ने इस मामले में हाईकोर्ट जाने का ऐलान कर दिया है। साथ ही सरकार से तीन दिनों के भीतर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद को मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की है।
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किसान ने क्या लिखा था पत्र में
लालढांग निवासी जसविंदर सिंह पुत्र लक्खा सिंह निवासी ग्राम समसपुर, कटेबड, लालढांग, हरिद्वार ने जिलाधिकारी को दिए गए अपने पत्र में लिखा कि खसना नंबर 1890 में आठ हजार वर्ग मीटर जमीन पर जो खनन की अनुमति दी गई उसे वर्ष 2018—19 में दो चरणों में काम कर भाजपा नेता आलोक द्विवेदी पूर्ण कर चुका है। यही नहीं हाईकोर्ट के आदेश पर जब दूसरे चरण का काम किया जा रहा था तब तत्कालीन प्रभागीय वन अधिकारी आकाश वर्मा ने मौके पर पहुंच भाजपा नेता को अवैध खनन में लिप्त पाया था और काम रुकवा दिया था। साथ ही 16 लाख रुपए की पेनल्टी भी लगाई थी। यही नहीं बाद में जिलाधिकारी दीपक रावत ने भी एक्शन लेते हुए निजी भूमि पर रिवर ट्रेनिंग के नाम पर खनन करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था और केवल सरकारी भूमि पर ही रिवर ट्रेनिंग करने की अनुमति देने को कहा था। किसान जसविंदर ने इन सब दस्तावेजों को संल्गन कर जिलाधिकारी हरिद्वार को 28 अक्टूबर को पत्र लिखा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बावजूद इसके बडे पैमाने पर किसान के खेत को समतलीकरण करने के नाम पर नदी से बडे पैमाने पर खनन किया गया। जो वन विभाग के अधिकारी शेर सिंह के पत्र से भी जाहिर होता है। किसान जसविंदर ने बताया कि अगर मेरे पत्र पर समय रहते प्रशासन कार्रवाई करता तो इतने बडे पैमाने पर अवैध खनन नहीं होता।
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आप ने मंत्री पर उठाया सवाल
वहीं आप नेता नरेश शर्मा ने एक बार फिर मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद पर सीधे हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा नेता को पुराने वर्क आर्डर पर नियम कायदों को ताक पर रखकर काम दिलाने में स्वामी यतीश्वरानंद का ही हाथ है और इस मामले की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन और वन विभाग इसी कारण आंख मूंदे रहा। जिसके कारण बडे पैमाने पर अवैध खनन हुआ। उनहोंने पूरे मामले में स्वामी यतीश्वरानंद और भाजपा नेता आलोक द्विवेदी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। साथ ही कार्रवाई ना होने पर कोर्ट जाने की बात कही है।
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