illegal mining in ravasan river in haridwar

सरकारी अफसर के पत्र ने खोली मंत्री के करीबी भाजपा नेता के अवैध खनन की पोल, पढें


विकास कुमार।
हरिद्वार के रवासन नदी में अवैध खनन के आरोपों को नकारने वाले भाजपा के मंडल अध्यक्ष आलोक द्विवेदी की पोल वन विकास निगम के एक अधिकारी के पत्र ने खोलकर रख दी है। हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ नीरज शर्मा को एक नवंबर को लिखा गया ये पत्र जहां अवैध खनन की हकीकत को बयां कर रहा है वहीं कैसे राजस्व की चोरी की जा रही है इस बारे में भी उल्लेख करता है। लेकिन बडा सवाल ये है कि आखिर इस पत्र के लिखे जाने के बाद भी कैसे रवासन नदी से अवैध खनन होता रहा और किसकी शह पर ये सब हो रहा था।
गौरतलब है कि आलोक द्विवेदी भाजपा के लालढांग से मंडल अध्यक्ष हैं और हरिद्वार ग्रामीण से ही विधायक व हाल ही में मंत्री बने स्वामी यतीश्वरानंद के करीबी हैं। इससे पहले आलोक द्विवेदी को खनन की अनुमति देने पर भी सवाल खडे हुए थे और कांग्रेस व आम आदमी पार्टी सीधे तौर पर मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद पर आरोप लगा चुके हैं कि 2018 वाले वर्क आर्डर पर आलोक द्विवेदी को खनन की अनुमति स्वामी यतीश्वरानंद के मंत्री बनने के बाद ही मिली है। वहीं आप और कांग्रेस इस मामले में जांच की मांग कर चुके हैं।

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क्या लिखा है पत्र में
प्रभागीय लॉगिग प्रबंधक हरिद्वार शेर सिंह ने अपने पत्र में लिखा कि आलोक द्विवेदी द्वारा किए जा रहे खनन से अनियंत्रित मात्रा में वाहनों की निकासी की जा रही है। रोजाना 500 वाहनों की निकासी हो रही है। यही नहीं वाहनों ओवरलोड है और 500 कुंतल के वाहनों में मात्र 60—70 कुंतल की रायल्टी बिना धर्मकांटे पर तुलाई कर कुछ ही वाहन को ई—रवन्ना दिया जा रहा है। नदी में छह पाकलैंड काम कर रही है। जाहिर है पत्र में लिखी गई ये बातें अवैध खनन किस पैमाने पर किया जा रहा था, ये साफ करने के लिए काफी हैं बावजूद इसके ना तो प्रशासन को ना ही हरिद्वार वन प्रभाग को ये नजर आया और ना ही पांच पांच सौ वाहनों के निकलने पर पुलिस को कोई आपत्ति हुई और ना ही ओवरलोड पर कोई कार्रवाई हुई। इससे साफ है कि अवैध खनन को सत्ता का समर्थन मिला हुआ था।

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क्या कहते हैं हरिद्वार वन प्रभागीय अधिकारी
डीएफओ नीरज शर्मा ने बताया कि हमने लैटर मिलते ही अपना मार्ग प्रयोग होने पर पांबदी लगा दी थी। बाद में लॉगिंग अधिकारी का पत्र मिला जिसमें उन्हें कोई आपत्ति नहीं थी जिसके बाद खनन से निकलने वाले वाहनों को वन विभाग का मार्ग दोबारा प्रयोग के लिए दे दिया गया। इससे ज्यादा हमाने पास कार्रवाई का कोई अधिकार नहीं था।

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मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने झाडा पल्ला
वहीं अवैध खनन के बाद स्वामी यतीश्वरानंद निशाने पर है और हरिद्वार ग्रामीण में इसको लेकर माहौल गर्म है। इधर, स्वामी यतीश्वरानंद ने अवैध खनन से पल्ला झाड दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और आप राजनीति कर रही हैं। अवैध खनन के खिलाफ कडी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं, जिसके बाद कार्रवाई हुई हैं। अवैध खनन कोई भी करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इससे पहले आलोक द्विवेदी भी अवैध खनन के आरोपों को गलत बता चुके हैं जबकि वन विभाग का ये पत्र सारी हकीकत बयां कर रहा है।

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