विकास कुमार।
किसान आंदोलन के समर्थन में बुलाया गया भारत बंद हरिद्वार के शहरी इलाकों में बेअसर रहा। शहरी क्षेत्र में सिर्फ मुस्लिम इलाकों में बंद का व्यापक असर देखा गया। यहां दुकानदारों ने अपनी इच्छा से ही दुकानें बंद रखी। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में किसान आंदोलन का आंशिक असर देखा गया, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में भी बंद सफल रहा। पथरी, लक्सर, भगवानपुर, रूडकी और अन्य क्षेत्र के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में किसान आंदोलन के समर्थन में अपनी दुकानें और प्रतिष्ठान बंद रखे गए।
वहीं दूसरी ओर अन्य इलाकों में बंद का कुछ असर नहीं दिखा। शहरी क्षेत्र में बंद पूरी तरफ फेल रहा और यहां व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद नहीं की। कुल मिलाकर भारत बंद के समर्थन को आंशिक ही कह सकते हैं।
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कांग्रेस नेता दुकानें खोले बैठे रहे
वहीं किसान आंदोलन को समर्थन कर रही मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के कई नेता भारत बंद के बावजूद अपनी दुकानें खोले बैठे रहे। इनमें कई बड़े नेता भी शामिल रहे। वहीं किसानों को समर्थन देने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुल जटवाडा ज्वालापुर में प्रदर्शन किया, लेकिन इस प्रदर्शन में समर्थन देने वालों का टोटा बना रहा। कुछ कांग्रेसी नेता वो खासतौर पर जिन्हें आने वाले समय में चुनाव लड़ना है प्रदर्शन में सक्रिय दिखे। इसके अलावा चंद समर्थकों के साथ जुलूस निकाला गया और इस दौरान दुकानें बंद कराई गई, लेकिन जुलूस के निकलते ही दुकानों के शटर उठते चले गए।
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पथरी क्षेत्र में दिखा बंद का अंसर
पथरी क्षेत्र के धनपुर और आस—पास के इलाकों में बंद का व्यापक असर दिखा। यहां मुस्लिम बाहुल्य इलाका होने के कारण दुकानें पूरी तरह बंद रही। कांग्रेस नेता और जिला पंचायत सदस्य नसीम अंसारी ने बताया कि किसानों के आंदोलन को हमारा पूर्ण समर्थन हैं, क्योंकि हम भी किसान हैं और किसान पहले ही नुकसान झेल रहा है और नए कानूनों के लागू होने से हमारे हाथ से सभी अधिकार जाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि पथरी क्षेत्र में मुसलमानों के साथ—साथ अन्य जातियों ने भी बंद को समर्थन दिया है।
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वामदलों ने भी बोला हल्ला
वामदलों ने भी किसान आंदोलन के समर्थन में हल्ला बोला। सीटू और एटक यूनियनों ने भगत सिंह चौक पर प्रदर्शन कर धरना दिया और किसान व मजदूर एकता की बात की। वामपंथी नेता महेंद्र जखमोला, केडी गुंसाई आदि ने बताय कि किसानों को उनके अधिकारों से वंचित करने का काला कानून लागू किया जा रहा है। इसको बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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