प्रयागराज कुंभ में अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों के बीच हुए विवाद और मारपीट के बाद में हरिद्वार के चर्चित महंत सुधीर गिरी हत्याकांड फिर से चर्चाओं में आ गया है। अखाड़ा परिषद के एक गुट के अध्यक्ष दूसरे गुट के अध्यक्ष पर सीधे तौर पर हमलावर हैं। वहीं वीडियो में भी महंत रविंद्र पुरी दूसरे गुट के महामंत्री महंत राजेंद्र दास महाराज को खूनी का साथ देने की बात कहते नजर आ रहे हैं।
एक दिन पहले महंत सुधीर गिरी की मां महंत रविंद्र पुरी से मिली थी
प्रयागराज में मारपीट की घटना से पहले महानिर्वाणी अखाड़े के दिवंगत महंत सुधीर गिरी की माता निरंजनी अखाडे के महंत और दूसरे गुट के अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी से मिली थी और इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। दावा किया जा रहा है कि हत्याकांड में अखाड़े के संत की भूमिका की जांच की जानी चाहिए।
वहीं महंत निरंजनी अखाड़े के महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि महंत सुधीर गिरी हत्याकांड बहुत ही जघन्य अपराध है। उनकी माता मुझसे मिली थी और अपनी व्यथा सुनाई थी। हम इस मामले में जहां तक संभव होगा हर मदद करने का प्रयास करेंगे।
महंत सुधीर गिरी हत्याकांड
#प्रयागराज में #महाकुंभ2025 में अखाड़ों के दो धड़ों के बीच भूमि आवंटन को लेकर विवाद बढ़ गया, जो मारपीट तक पहुंच गया। मेला प्राधिकरण कार्यालय में संतों ने एक-दूसरे पर जमकर मुक्के बरसाए। यह घटना अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी और महामंत्री हरी गिरी की उपस्थिति में हुई, जिसमें… pic.twitter.com/7rRbLgOoNV
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) November 7, 2024
क्या है महंत सुधीर गिरी हत्याकांड
वरिष्ठ अपराध संवाददाता कुणाल दरगन ने बताया कि महंत सुधीर गिरी महानिर्वाणी अखाड़े के वरिष्ठ संत थे और अखाड़े की जमीनों की बंदरबांट करने के सख्त खिलाफ थे। जमीनों की बंदरबांट के चलते ही 14 अप्रैल 2012 को रुडकी जाते हुए उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। काफी समय बाद इस वारदात का खुलासा हुआ और अखाड़े में ही काम करने वाले एक कर्मचारी अशीष शर्मा उर्फ टुल्ली को इसका मास्टरमाइंड बताते हुए पुलिस ने शूटरों को गिरफ्तार किया।
आशीष शर्मा अब हरिद्वार का नामी प्रोपर्टी डीलर है और अखाड़ों की संपत्ति खुर्द बुर्द करने के आरोप भी आशीष शर्मा पर लगे थे। इस मामले में कोर्ट ने आशीष शर्मा उर्फ टुल्ली को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी लेकिन हाईकोर्ट से वो फिलहाल बेल पर हैं।