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रेड मारने गए डीएसपी को खनन माफियाओं ने डंपर से कुचला, मोके पर मौत, देखें वीडियो


अतीक साबरी:-
हरियाणा के नूंह जिले में खनन माफिया की हैवानियत सामने आई है। मिली जानकारी के मुताबिक, खनन माफिया से जुड़े लोगों ने नूंह जिले के तावड़ू में तैनात डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई पर डंपर चढ़ा दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
इस बीच राज्य के गृहमंत्री अनिल विज ने आरोपित खनन माफिया पर सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। उधर, हरियाणा पुलिस की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि खनन माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीएसपी सुरेंद्र सिंह का बलिदान बेकार नहीं जाएगा। 

, गुरुग्राम से सटे नूंह जिला के तावडू थाना क्षेत्र के गांव पचगांव की यह घटना है।गांव से सटी अरावली पहाड़ी पर अवैध रूप से खनन किए जाने की सूचना डीएसपी (तावडू) सुरेंद्र सिंह बिश्नोई को मिली थी। इसके बाद मंगलवार सुबह 11 बजे वह अपनी टीम के साथ पहुंचे।
उधर, पुलिस टीम को देख पहाड़ी के पास खड़े डंपर लेकर उनके चालक और खनन में लगे लोग भागने लगे।वाहन रोकने के लिए डीएसपी आगे आए तो डंपर चालक ने उनके ऊपर वाहन चढ़ा दिया और मौके से फरार हो गया। डंपर के टायर के नीचे आने से डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही एसपी नूंह वरुण सिंगला मौके पर पहुंचे हैं। डीएसपी मूल रूप से हिसार के रहने वाले थे।

घटना के दौरान वह खनन माफिया पर लगाम लगाने के मकसद से मौके पर पहुंचे थे। अवैध खनन की सूचना सुरेंद्र सिंह बिश्नोई को फोन के जरिये मिली थी। इसके बाद वह दलबल के साथ मौके पर पहुंचे थे। इस दौरान देखते-देखते खनन माफिया ने नूंह जिले के डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई पर डंपर चढ़ा दिया, जिससे उनकी जान चली गई। 
हरियाणा में यह पहला मामला है, जब खनन माफिया ने किसी डीएसपी को डंपर से कुचलकर मार डाला हो। प्राथमिक जानकारी के आधार पर बताया जा रहा है कि इसी साल डीएसपी सुरेंद्र सिंह सेवानिवृत्त होने वाले थे। पुलिस की नौकरी में आने से पहले वह पशुपालन विभाग में अधिकारी थे।

बता दें कि खनन माफिया गुरुग्राम और नूंह जिले में खूब सक्रिय हैं। अरावली में हो रही पेड़ों की कटाई, पर्यावरण के लिए खतरा बना हुआ है। साथ में अवैध खनन से जीव-जंतुओं की प्रजातियों को भी नुकसान की आशंका है। बावजूद इसके खनन माफिया की गुंडागर्दी जारी है। हालांकि, खनन माफिया पर पुलिस मुकदमा भी दर्ज कर चुकी है, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा है। 
जिसमें नगीना पुलिस ने नांगलमुबारिकपुर घागस कंसाली तथा झिमरावट, शेखपुर आदि गांवों के लोगों पर अवैध खनन के मुकदमे दर्ज किए हैं, लेकिन अवैध खनन करने वालों के हौसले इतने बुलंद हैं कि पुलिस और खनन विभाग की सख्ती के बावजूद भी नहीं मानते हैं। यही हाल पेड़ों को काटने वालों का है। एक बार जुर्माना भरने के बाद भी पेड़ों को काटने के से नहीं चूकते।
यहां होती है पेड़ों की कटाई और अवैध खनन
नूंह जिले के खेड़लीकलां, झिमरावट, घागस- कंसाली, फिरोजपुर झिरका, शेखपुर के अलावा कई स्थानों पर अवैध खनन और पेड़ों की लगातार कटाई चरम पर है।
शिकायतों के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई: क्षेत्र के जान मोहम्मद, मुबारिक, सुंदर ने बताया कि इस प्रकार की शिकायत विभाग को कई बार दी जा चुकी है, लेकिन अरावली में वन विभाग द्वारा लगाए गए चौकीदार लोगों से ही अवैध खनन कराते हैं। साथ में पेड़ों को काटकर आरा मशीन मालिकों को बेच देते हैं ऐसे में चौकीदार रकम कमा रहे हैं।
अवैध खनन से वन विभाग को नुकसान
अरावली में हर साल वन विभाग लाखों पौधे पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए लगाता है, लेकिन यहां पर इन पौधों को पैदा होने से पहले ही नष्ट कर दिया जाता है। जिससे हर साल वन विभाग को घाटा हो जाता है। रात में पत्थरों को तोड़ते हैं उसके बाद दिन में पत्थरों को ट्रैक्टरों में भरकर गांवों में ले जाते हैं। 

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