विकास कुमार।
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद विवाद (Gyanwapi Mosque Dispute) में हिंदू पक्ष (Hidu Side) की ओर से कथित शिवलिंग (Shivling) की कार्बन डेटिंग (Carbon Dating) संबंधी याचिका को वाराणसी जिला कोर्ट खारिज कर दी है। याचिका खारिज किए जाने को हिंदू पक्ष के लिए झटका माना जा रहा है क्योंकि मुस्लिम पक्ष की ओर से अंजुमन इंतजामिया मस्जिद इसका विरोध कर रही थी। हालांकि हिंदू पक्ष ने वाराणसी कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देने का ऐलान किया है। Gyanwapi mosque dispute case Varanasi court rejects carbon dating of shivling
दोनों पक्षों की ओर से क्या दलीलें रखी गई और क्यों याचिका को खारिज किया गया। इस बारे में टाइम्स आफ इंडिया की खबर के मुताबिक Judge Ajay Krishna Vishvesha ने अपने आर्डर में लिखा है कि कार्बन डेंटिग या साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन से ‘शिवलिंग’ को नुकसान हो सकता है। ऐसे में याचिका को खारिज किया गया है।
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मुस्लिम पक्ष की ओर से क्या दलील रखी गई
मुस्लिम पक्ष की ओर से कोर्ट में कार्बन डेटिंग या अन्य कोई वैज्ञानिक जांच का विरोध ये कहते हुए किया गया है कि कार्बन डेटिंग या अन्य जांच से कथित ‘शिवलिंग’ जिसे मुस्लिम पक्ष ने वुजू खाने का फव्वारा बता रहा है से नुकसान हो सकता है। मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के इस मामले में निर्णय का भी जिक्र किया।
मुस्लिम पक्ष की ओर से ये भी कहा गया कि मुख्य वाद ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर श्रृंगार गौर में पूजा करने को लेकर है और कथित शिवलिंग से इसका कोई संबंध नहीं है। लेकिन हिंदू पक्ष ने इसका विरोध किया शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराए जाने की प्रार्थना कोर्ट से की।
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क्या है पूरा मामला
अगस्त 2021 में पांच हिंदू महिलाओं ने कोर्ट की शरण ली और श्रृंगार गौरी में पूजा करने की अनुमति मांगी। इसके बाद कोर्ट ने पूरे परिसर की वीडियोग्राफी करने का आदेश दिया था। सर्वे के दौरान मस्जिद में फव्वारे में शिवलिंग होने का दावा हिंदू पक्ष की ओर से किया गया था और हिंदू पक्ष ने इसी शिवलिंग नुमा आकृति की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक जांच के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी।