विकास कुमार।
उत्तराखण्ड में पिछले दो दिनों से हुई भारी बारिश के कारण कई इलाकों में भारी जान माल का नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान कुमाउं के जनपदों में देखने केा मिला है। यहां पुल बह गए, रेलवे ट्रेक को नुकसान पहुंचा है। वहीं कई इलाके जलमग्न हो गए। यही नहीं मलबे में दबने से कई लोगों की जान गई। अमर उजाला की खबर के मुताबिक पिछले दो दिनों में 24 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें मंगलवार को 18 लोगों की जान गई जबकि छह लोग प्रदेश के विभिन्न इलाकों में आपदा का शिकार बने।
मंगलवार सुबह नैनीताल जनपद में रामगढ़ में धारी तहसील में दोषापानी और तिशापानी में बादल फट गया। यहां मजदूरों की झोपडी पर दीवार गिरने से सात मजदूर मलबे में दब गए। खैरना में भी पत्थर गिरने से दो लोगों की मौत हुई। चंपावत के तेलवाड़ में एक व्यक्ति भूस्खलन की चपेट में आ गया। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि तीन लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। वहीं पहाड से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक आपदा से लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं गढवाल और कुमाउं दोनों ही जगह राहत और बचाव कार्य जारी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हवाई सर्वे कर हालात का जायाजा लिया और अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए।
——————————————————————
कोसी, गोला और गंगा नदी उफान पर
वहीं कोसी नदी के उफान पर आने से कई तटीय इलाकों में पानी घुस गया। वहीं रामनगर के एक रिसोर्ट में भी पानी घुस गया। यहां फंसे लोगों को राहत और बचाव दल ने बाहर निकाला। वहीं दूसरी ओर नैनीताल के हल्द्वानी में गोला नदी उफान पर आने से नदी पर बना अप्रोच पुल टूट गया। यहीं नहीं गोला नदी पर बने पुल भी क्षतिग्रस्त हुआ है। इधर, काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर कुछ आगे की ओर ट्रेक भी जमीदोंज हो गया। जिसके कारण कई ट्रेन भी प्रभावित हुई हैं। भारी बारिश के कारण नैनीताल में नैनी झील लबालब भर गई और पानी सडकों पर आ गया। यहां लोगों के घरों दुकानों में भी पानी पहुंचने लगा। वहीं गढवाल में पर्वतीय जनपदों में भारी बारिश के होने के कारण सोमवार रात गंगा खतरे के निशान से उपर चली गई। रायवाला में गुर्जर परिवारों को राहत बचाव दल ने बचाया। वहीं तटीय इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है।