विकास कुमार/ऋषभ चौहान।
बहुत कम देखने को मिलता है जब अपने बेटा—बेटी नहीं बल्कि पुत्रवधु के लिए कोई अपने करियर, मान सम्मान और प्रतिष्ठा को दांव पर लगा दे। लेकिन उत्तराखण्ड में दिग्गज नेता हरक सिंह रावत ने अपनी पुत्रवधु अनुकृति सिंह गुसांई के लिए अपना करियर और सब कुछ दांव पर लगा दिया। अपनी पुत्रवधु को टिकट दिलाने के लिए वो खुद चुनाव नही लडे लेकिन उनकी पुत्रवधु अनुकृति ने क्या रिजल्ट दिया है।
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अनुकृति करीब दस हजार वोटों से हार गई
अनुकृति पौडी गढवाल की लैंसडाउन सीट से लड रही थी। यहां वो काफी समय से तैयारी कर रही थी। लेकिन, इस तैयारी का कोई फायदा नहीं हुआ। यहां भाजपा के दिलीप सिंह रावत ने उन्हें अच्छे खासे वोटों से हरा दिया। भजपा के दिलीप सिंह रावत को 24504 वोट मिले है जबकि हरक सिंह रावत की लाडली अनुकृति को 14636 वोट मिले। करीब दस हजार के अंतर से अनुकृति गुंसाई चुनाव हार गई। हालांकि अनुकृति अपनी जीत के प्रति आश्वस्त थी और हरक सिंह रावत भी खूब मेहनत कर रहे थे लेकिन वो चुनाव हार गए।
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