Haridwar Viral Video हरिद्वार, सूबे की राजधानी दून में घटे हिट एंड रन केस में चार आमजन की जिंदगियां लील लेने वाली घटना के बाद हरिद्वार में भी एक बेकाबू दोपहिया वाहन सवार के एक घर का चिराग बुझा देने की घटना ने हर किसी को झकझोर रख डाला है। हैरानी की बात यह है कि स्थानीय पुलिस की तंद्रा अभी तक टूटी नहीं है।
चर्चा है कि एक पूर्व मेयर साहब अपने रसूख के बूते मासूम के परिजन पर दबाव बनाने में शिददत से जुटे है, क्योंकि मासूम की जान लेने वाले दोपहिया वाहन सवार चालक से पूर्व मेयर साहब का खून कर रिश्ता है। ऐसे में रह रह कर एक ही सवाल खड़ा हो रहा है कि दिल दहला देने वाली इस घटना को लेकर पुलिस की खामोशी की आखिर क्या वजह है, इसकी तस्वीर साफ होनी चाहिए। होली पर्व के दिन पहले पॉश कालोनी गोविंद पुरी कालोनी में एक तेज रफ्तार दोपहिया वाहन सवार ने अपने घर के बाहर से निकल रहे एक आठ साल के मासूम को टक्कर दे मारी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मासूम नीचे जा गिरा, जिसके बाद वह उठ नहीं सका।
परिजन उसे हॉयर सेंटर ले गए, जहां उसकी मौत हो गई। पूरे घटनाक्रम की सीसीटीवी फुटेज सामने आने पर साफ है कि दोपहिया वाहन चालक बेहद तेजी में था। सवाल यह है कि आखिर कालोनी की गली में बेहद स्पीड में दोपहिया वाहन दौड़ाने की आखिर क्या जरूरत थी, उसका खामियाजा एक परिवार ने अपना मासम खोकर चुकाया है।
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बेहद शर्म की बात तो यह है कि एक पूर्व मेयर साहब अपने दोपहिया वाहन सवार करीबी रिश्तेदार की पैरवी में जीजान से जुट गए है, उन्हें एक मासूम की मौत से कोई लेना देना नहीं है। उनका पूरा फोकस किसी भी तरह मासूम के परिजन को कोतवाली की चौखट पर पहुंचने से रोकना है, इसके लिए वे पूरा एडीचोटी का जेार लगाए हुए है।
दूसरा सवाल ज्वालापुर पुलिस की कार्यशैली को लेकर खड़ा हो रहा है, अगर मासूम के परिजन ने अब तक शिकायत नहीं दी है तो पुलिस खुद आगे आकर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई आखिर क्यों नहीं कर रही है। आखिर कितने मामलों में पुलिस ही मुकदमों की वादी बनती है। चर्चा है कि सत्तारुढ़ दल से जुड़े नेताजी की पैरवी के आगे खाकी के हाथ भी रसूख की हथकड़ी में जकड़े बताए जा रहे हैं। इधर, आमजन को एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल से पूरी उम्मीद है, जिनकी छवि जनता से सीधे जुड़े एक अधिकारी के तौर पर होती है।