नशा मुक्त हरिद्वार पर भारी लाडली जोड़ी, पूरे हरिद्वार में शराब तस्करी का नेटवर्क, एक फ़ोन पर होम डिलीवरी

हरिद्वार में शराब तस्करी

केडी। हरिद्वार में शराब तस्करी

यूं तो कुंभनगरी में शराब की ब्रिकी पूरी तरह से प्रतिबंधित है लेकिन पुलिस-आबकारी महकमे की एक लाडली जोड़ी शराब के अवैध कारोबार को सिंडीकेंट ढंग से संभाल रही है, यह जोड़ी अपनी सेटिंग गेटिंग के बूते  हरकी पैड़ी के आस पास भी शराब उपलब्ध कराने की कुव्वत रखती है। चर्चा है कि पूरे शहर में अवैध शराब के कारोबार के संचालन से कई लाख के वारे न्यारे रोजाना किए जा रहे हैं।


उत्तरी हरिद्वार में सक्रिय में यह जोड़ी आज से नहीं बल्कि कई साल से शराब के अवैध कारोबार में लिप्त है लेकिन पहले छोटे स्तर पर यह जोड़ी एक्टिव थी लेकिन मौजूदा समय में यह जोड़ी पूरा नेटवर्क चला रही है।
पूर्व में दो कोतवाली के साहब इस जोड़ी के हमप्याला भी थे और मौजूदा समय में पूरे शहर में संरक्षण के चलते ही यह जोड़ी अपने धंधे को बखूबी अंजाम दे रही है। चर्चा हैकि  अवैध धंधे की कमान संभाल रही इस जोड़ी पकड़ बेहद ही मजबूत है और इनकी नजदीकी सिस्टम में बैठे लोगों से है।


हर किसी को खुशकर पूरे शहर में शराब की धारा बहाई जा रही है। न तो पुलिस महकमे को कुंभनगरी के मर्यादा की फ्रिक है और न ही आबकारी महकमे को होश है। आबकारी महकमा तो कभी अवैध शराब की धरपकड़ में दिलचस्पी लेता ही नहीं है।


आबकारी का एक निरीक्षक स्तर का अफसर देहरादून की कृपा से पद पर बना हुआ  है, उन्हें अवैध शराब के कारोबार से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है।


बड़ा सवाल यह है कि पुलिस महकमे के आला अफसर शराब के कारोबार की कमर तोड़ने में रुचि आखिर क्यों नहीं लेते है, ऐसे में हवा में तैर रहे कारण को ही हकीकत समझा जा सकता है।

हरिद्वार, यह जोड़ी सरकारी ठेकों से ही शराब की डिलीवरी लेती है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी पुलिस-आबकारी महकमे को नहीं है। जब ठेकों से ही शराब की डिलीवरी ली जाती है, ऐेसे मे उस स्थान पर ही कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है। पूरे शहर को एरिया के अनुसार बांटा गया है। इस जोड़ी का काम ठेकों से शराब लेकर अलग अलग क्षेत्र के छुटभैय्या तस्करों को उपलब्ध कराना है।

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