विकास कुमार।
हरिद्वार की सबसे सेफ माने जाने वाली जुर्स कंट्री में सेक्स रैकेट कैसे चलाया जा रहा था जबकि वहां जाने के लिए गार्ड पहले रजिस्टर में एंट्री कराता और दो सवाल पूछता है। जुर्स कंट्री में चल रहे वेश्यालय के बाद अब हर कोई ये ही सवाल कर रहा है। वहीं जिन लडकियों को वहां से आजाद कराया गया, वो मूलरूप से तो पश्चिम बंगाल की हैं लेकिन हरिद्वार के एक कॉलोनी में पिछले कुछ समय से रह रही थी और जुर्स कंट्री के कमरा नंबर जी 515 में तीनों को लाया गया था। पुलिस का दावा है कि जुर्स कंट्री में पहले से सेक्स रैकेट चलाया जा रहा था। ऐसे में सवाल ये है कि बाहर से लडकियां और ग्राहकों को लाने की अनुमति कौन दे रहा था और क्या उनकी भी एंट्री रजिस्टर में हो रही थी।
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ऐसे पकड में आया सेक्स रैकेट
पुलिस सूत्रों के अनुसार पाश सोसायटी में रेड करना आसान नहीं था और पहले कमरा नंबर 515 में क्या गतिविधियां चल रही थी इसकी टोह लेना बहुत जरुरी था। वहीं जब कमरे के बाहर पुलिस टीम ने डेरा डाला तो पुलिस को कमरे के अंदर लडकियों के रेट तय करने की आवाजें सुनाई दी। दलाल ने हर लडकी के लिए एक रात के दो हजार रुपए लगाए तो ग्राहक खनन कारोबारी ने दो हजार ज्यादा बताया। बाद में पुलिस को यकीन हुआ तो कमरे में रेड मारी गई और पूरे गिरोह का खुलासा हुआ।
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जुर्स कंट्री प्रशासन पर उठे सवाल
वरिष्ठ पत्रकार रतनमणी डोभाल बताते हैं कि जुर्स कंट्री जैसी सोसायटी में सेक्स रैकेट चलाना आसान नहीं है। बाहर से लडकियां इतनी आसानी से सोसायटी में कैसे जा रही थी और ग्राहकों को भी लाया जा रहा था। जो खुद में एक बडा सवाल है। ऐसे में जुर्स कंट्री प्रशासन पर सवाल खडे होना लाजिमी है। वहीं सोसायटी के लोग भी हैरान है कि आखिर जुर्स कंट्री में ये सब क्या चल रहा है जबकि वहां प्रबंधन बहुत कडे नियम चलाता है। जिसको लेकर पूर्व में जुर्स कंट्री के रहने वाले लोगों में तकरार भी हो चुकी है। वहीं पुलिस का कहना है कि ये कमरा दिल्ली निवासी किसी व्यक्ति का है जिसे शुभांकर ने किराए पर लिया हुआ था। पुलिस का दावा है कि दिल्ली निवासी को कमरे में चल रही अवैध गतिविधियों के बारे में जानकारी नहीं थी।
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ये हुए थे गिरफ्तार
ज्वालापुर पुलिस के अनुसार अनुज कुमार पुत्र सुभाष निवासी फतवा लक्सर खनन व्यवसायी है। जबकि योगेश पुत्र धर्म सिंह निवासी नसीरपुर कलां पथरी, हरिद्वार में चूडी आदि बेचता है। वहीं अभिषेक पुत्र विष्णु निवासी शाहपुर टांडा मजादा, लक्सर हरिद्वार के रामानंद इंस्टीट्यूट में इंजीनियरिंग कर रहा है। तीनों को रंगे हाथों पकडा गया है। वहीं दलालों में शुभांकर दत्त् निवासी जनकपुरी उत्तम नगर और अरुण कुमार निवासी पश्चिम बंगाल बतौर दलाल के तौर पर काम कर रहे थे।
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