चंद्रशेखर जोशी।
किन्नर अखाड़े को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी महाराज और महामंत्री महंत हरि गिरी महाराज में विवाद हो गया है। परिषद के अध्यक्ष ने जहां किन्नर अखाड़े के वजूद को मानने से इनकार करते हुए इसे फर्जी बताया है, वहीं दूसरी ओर महामंत्री महंत हरि गिरी ने किन्नर अखाडे को जूना का अंग मानते हुए इस तरह के बयान का समर्थन ना करने की बात कही है। वहीं उन्होंने किन्नर अखाड़े के मसले पर सीधे तौर पर अपने पद से इस्तीफा देने और अखाड़ा परिषद का हिस्सा ना होने की चेतावनी जारी कर दी है।
गौरतलब है कि अखाड़ा परिषद की इलाहाबाद में बैठक हुई थी। उसमें महंत नरेंद्र गिरी महाराज ने किन्नर अखाड़े को अवैध बताया था और कहा था कि सिर्फ 13 अखाडे ही मान्य है। इसके अलावा कोई भी संस्था अखाड़ा होने का दावा करती है तो उसे मान्यता नहीं दी जा सकती है।
वहीं इस बयान पर महंत हरिगिरी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि किन्नर अखाड़ा जूना अखाडे का हिस्सा है और इसके प्रमुख जूना अखाड़े से जुडे हैं और वो इलाहाबाद कुंभ में किन्नर अखाड़े को वचन दे चुके हैं। इसलिए किन्नर अखाडे को लेकर वो अपने पद से भी इस्तीफा देने के लिए तैयार है।
वहीं किन्नर अखाडे की प्रमुख लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भी महंत नरेंद्र गिरी के बयान की निंदा की है और खुद को जूना अखाड़े का हिस्सा बताया हैं आपको बता दें कि किन्नर अखाडे में किन्नर हैं और ये 2018 में बना था।
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