विकास कुमार।
ज्वालापुर के दो युवकों को रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर 8.50 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले रेलवे के फर्जी टीसी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि दो दोस्तों के साथ आरोपी युवक ने अपने आप को टिकट कलेक्टर बताकर ठगी की थी। वहीं पुलिस आरोपी युवक से पूछताछ कर रही है। माना जा रहा है कि आरोपी किसी बडे गिरोह का हिस्सा है जो रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करते हैं।
मामला वर्ष 2019 का है, जब शास्त्रीनगर ज्वालापुर निवासी शंकर कुमार पुत्र श्याम सिंह ने पुलिस को शिकायत कर बताया था कि उसने व उसके दोस्त आशीष ने आईटीआई की हुई है। दोनों को नौकरी की तलाश थी। इस बीच शंकर को अपना एक पुराना परिचित ऋषभ पुत्र रतन निवासी विष्णुलोक कॉलोनी मिला। जिसने रेलवे में नौकरी लगाने का आश्वासन दिया।
आरोप है कि ऋषभ ने अपने मामा को रेलवे में डीआरएम बताया और खुद को रेलवे में टीसी के पद पर नियुक्त बताया था। ऋषभ ने बताया कि उसके मामा ने ही उसकी नौकरी रेलवे में लगाई है। झांसे में आकर शंकर और आशीष ने फरवरी से सितंबर वर्ष 2019 तक ऋषभ के बताये खातों में नौकरी लगाने के नाम पर 9:50 लाख रुपये दिए। ठगी का पता दिसंबर वर्ष 2019 में चला, जब शंकर को मालूम हुआ कि ऋषभ की भी रेलवे में कोई नौकरी नहीं है। दिसंबर 2019 में पुलिस ने आरोपी ऋषभ के खिलाफ 8.50 लाख रुपये हड़पने के आरोप में केस दर्ज किया था। रविवार को पुलिस ने आरोपी ऋषभ को हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी कई दिनों से पुलिस को नहीं मिल रहा था।
रेलवे में नौकरी लगाने वाले गिरोह का खुलासा, फर्जी रेलवे अफसर दबोचा, इनसे हुई थी ठगी
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