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डीआईजी बोली महिला सुरक्षा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं, नशे पर भी कसे पेंच

कुणाल दरगन।  डीआईजी गढ़वाल रेंज का कार्यभार संभालने के बाद पूरी तरह से सक्रिय दिखाई दे रही आईपीएस नीरु गर्ग का फोकस महिला सुरक्षा पर है। उन्होंने विशेषकर देर रात घर लौटाने वाली नौकरीपेशा महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से चैकस रहने के निर्देश अधीनस्थों केा दिए है।
डीआईजी ने शनिवार को इस बाबत आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए। डीआईजी ने महिला सुरक्षा को अपनी पहली प्राथमिकता बताया है। अधीनस्थों को निर्देशित किया कि थाना चैकी स्तर पर हर फरियादी की फरियाद सुनी जाए।
डीआईजी ने मादक पदार्थो के आदि हो चुके व्यक्तियो की नशे की आदत को छुड़वाने के लिए प्रभावी कदम उठाने की बात कही। निर्देश दिया कि नशे के सौदागरों के खिलाफ पुलिस सख्त कदम उठाए। डीआईजी ने कहा कि नशे के आदी हो चुके किशोर एवं युवाओं का उपचार कराकर मुख्य धारा की तरफ जोड़ा जाए।
निर्देश दिया कि मादक पदार्थो के कारोबारियो द्वारा ष्अवैध रुप से अर्जित की गयी सम्पत्ति को सीज करने करने की कार्रवाई की जाए। यदि कोई पुलिसकर्मी नशे के खिलाफ कार्रवाई को लेकर लापरवाही बरतता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाईजाएगी।

 


साइबर क्राइम पुलिस ने पीड़ितों को दिलाया इंसाफ, एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह की टीम एक्शन में

Dehradun.
साइबर पुलिस की सक्रियता से एक आॅन लाइन ठगी गई रकम पीड़ित पक्ष को वापस मिल गई है। देहरादून के लोहारवाला निवासी व्यक्ति ने साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन में शिकायत करते हुए बताया था कि उसने फ्लिपकार्ट कम्पनी से ऑनलाईन खरीददारी की थी लेकिन उसे सामान नहीं मिला था। इस संबंध में जब उसने गूगल पर फ्लिपकार्ट कस्टमर केयर का नम्बर ढूंढकर संपर्क साधा तब उससे धनराशि वापस करने के नाम पर बैंक खाते से जुड़ी जानकारी हासिल कर ली गई। आरोप है कि उसके बैंक खाते से तीस हजार की रकम निकाल ली गई। साइबर थाना पुलिस ने तकनीक की मदद से आॅनलाइन की ठगी की रकम से की गई खरीददारी के संबंध में कंपनियों से संपर्क साधा। आखिर में पीड़ित की ठगी गई रकम वापस मिल गई। वहींए देहरादून के प्रेमनगर निवासी एक व्यक्ति ने ओएलएक्स में स्कूटी की पोस्ट देखकर खरीदने के लिए दिए गए मोबाइल फोन नंबर पर संपर्क किया। स्कूटी मालिक ने स्वयं को आर्मी ऑफिसर बताकर ट्रांसफर होने के चलते स्कूटी बेचने की बात कहीए जिस पवर विश्वास करते हुए अकाउंट में 65000 की रकम टासफर कर दी गई। एसआई कुलदीप टम्टा ने आईसीआईसी बैंक अकाउंट की जानकारी जुटाई। सामने आया कि अकाउंट भरतपुरए राजस्थान का हैए
जिसे तत्काल डेबिट फ्रीज कराया गया। इस संबंध में साइबर पुलिस ने केस रजिस्टर्ड कर जांच शुरु कर दी है। तीसरी घटना में मियांवालाए हर्रावाला देहरादून निवासी व्यक्ति के पास बैंक अधिकारी बनकर एक शख्स ने काॅल की। काॅल कर रहे शख्स ने क्रेडिट कार्ड की जानकारी हासिल कर करीब 97 हजार की रकम निकाल ली। एसआई राजेश ध्यानी ने 17 हजार की रकम वापस कराई।

Cyber tips—
– गूगल या अन्य किसी सर्च इंजन पर किसी कम्पनी ध् बैंक का कस्टूमर केयर नम्बर न ढूंढें । कस्टमर केयर का नम्बर सम्बन्धित कम्पनी ध् बैंक की अधिकारिक वैबसाईट से ही देखें ।
-कभी भी अपनी व्यक्तिगत या बैंकिग डिटेल्स को फोन व वाट्सअप कॉल पर किसी से भी साझा न करें। कोई भी बैंक या वॉलेट आपको फोन कर आपकी बैंकिग डिटेल नही मांगता है ।
– कोई भी बैंक डाक्यूमैन्ट वैरिफेकेशन ध् अपडेट के लिये किसी को भी फोन पर अपनी बैंकिंग डिटेल शेयर न करें ।
– अधिकांशतः देखा गया है कि साईबर ठगो द्वारा स्वयं को भारतीय सेना में कार्यरेत बताते हुये सामान को खरीदने या बेचने हेतु सोशल साईट्स पर संपर्क किया जा रहा हैए ऐसे मामलो में सावधानी बरते । किसी भी दशा में अग्रिम भुगतान न करेंए सामान प्राप्त होने पर ही भुगतान करें ।
– किसी भी सोशल साईट्स पर कम कीमत पर सामान खरीदने के विज्ञापन देखकर लालच में न आयेए अधिकृत एवं विश्वसनीय वेबसाईटो से ही ऑनलाईन सामान खरीदे । सामान आर्डर करते समय ब्व्क् ;ब्ंेी वद क्मसपअमतलद्ध विकल्प का प्रयोग करें ।
– ऑनलाईन प्लेटफार्म पर खरीदारी या सामान बेचते वक्त द्वितीय पार्टी में तत्काल विश्वास ना करें। सामान को भौतिक रुप से देखने व विक्रेताध्क्रेता से व्यक्तिगत रुप में मिलकर ही भुगतान करें ।

 

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