कुणाल दरगन।
धर्मनगरी हरिद्वार की एक प्रसिद्ध अध्यात्मिक संस्था के परमाध्यक्ष संत के रविवार सुबह ब्रह्मलीन होने पर उनकी उत्तरी हरिद्वार क्षेत्र की करीब दो सौ करोड़ की संपत्ति पर गिद्ध दृष्टि गढ़ गई है। उत्तरी हरिद्वार के चर्चित संत ने रविवार सुबह ही कब्जे के मकसद से अपने लठैत संस्था में दाखिल करा दिए हैं, इधर भाजपा एवं कांग्रेसी से जुड़े कई चेहरों की लार संपत्ति को लेकर टपक रही है, हालांकि अभी स्थानीय पुलिस अंदरखाने बिछाई जा रही कब्जे की बिसात को लेकर सक्रिय नहीं है लेकिन कई सौ करोड़ की संपत्ति को लेकर बवाल होना लगभग तय माना जा रहा है। वहीं चर्चित संत अपने राजनीतिक कद का भी प्रयोग कर दूसरे दावेदारों को पटखनी देने के मूड में हैं।
उत्तरी हरिद्वार क्षेत्र में अध्यात्मिक संस्था का विशाल ठिकाना है। संस्था के परमाध्यक्ष रहे संत का दूसरा ठिकाना पंजाब के एक जिले में भी है। वहां भी एक स्कूल एवं अच्छी खासी संपत्ति है, जिसकी कीमत भी कई सौ करोड़ में है।
पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे संत ने रविवार की सुबह जब आखिरी सांस ली तो उसकी खबर यहां पहुंचते ही संपत्ति पर कब्जा करने के मकसद से निगाह गढ़ाए बैठे लोग सक्रिय हो गए। आश्रम में भाजपा कांग्रेस से जुड़े चेहरों का जमावड़ा लगने लग गया। इधर कई चर्चित संत भी आश्रम में एकत्र हो गए। गौर करने वाली बात यह है कि इस संपत्ति को लेकर भाजपा से जुड़े रहे एक विवादित और चर्चित संत सबसे अधिक सक्रिय हो गया है।
बताया जा रहा है कि संत ने अपने लठैत भी संपत्ति में दाखिल करा दिए हैं। वहीं कई स्थानीय नेता—संतों ने भी अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया है। यही नहीं बताया जा रहा है कि पंजाब से भी एक गुट यहां निश्चित तौर पर यहां जल्द ही पहुंचेगा, उसके बाद बवाल होना तय है चर्चा है कि ट्रस्ट में हर कोई अपने आप को पदाधिकारी बताकर कब्जा करने की फिराक में है। कुंभनगरी में इस धार्मिक संपत्ति को लेकर खूनी खेल खेले जाने के बादल मंडरा रहे है।
विवादित संत रामरहीम से जुड़े चेहरे भी सक्रिय
हरिद्वार। ब्रम्हलीन संत की बेशकीमती संपत्ति पर विवादित संत रामरहीम से जुड़े चेहरों की भी नजर है। दरअसल संत के ब्रम्हलीन होने से पूर्व विवादित संत से जुड़ी रही दो महिला संतों ने करीबी बढा ली थी। वह ही संत की देखरेख कर रही थी, माना जा रहा है कि वह भी ट्रस्ट की पदाधिकारी होने का दावा कर रही है।