Kumbh Mela Haridwar Juna Akhara woman naga Sanyasi

नागा संन्यासिनी: इस क्रिया के बाद परिवार से रिश्ता हुआ खत्म, अब रात पर करेंगी से कड़ी तपस्या

0 0

गोपाल रावत/विकास कुमार।
जूना अखाडे के तहत माई वाडा में 200 महिला नागा साध्वियों की प्रक्रिया बुधवार को मुंडन क्रिया यानी सर के बालों को साफ कराने की प्रक्रिया के बाद महिला नागा संन्यासिनियों ने श्राद्ध कर्म के जरिए अपने ​माता—पिता व अन्य रिश्तेदारों से नाता तोड नए जीवन में प्रवेश कर लिया। अब ये महिला तपस्वी रात भर कडी तपस्या करेगी जिसके बाद गुरुवार को महिला नागा संन्यासी के तौर पर दीक्षा दी जाएगी। पूरी प्रक्रिया को गंगा किनारे बिडला घाट पर अंजाम दिया गया और लोगों की नजरों से बचाते हुए पूरे घाट को टैंट से कवर किया गया था। ताकि गोपनीयता बनाई रखी जा सके। अखाड़े के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने बताया कि जूना अखाड़ा द्वारा हमेशा से मातृ शक्तियों का सम्मान किया जाता रहा है। महिलाओं को हमेशा बराबर का सम्मान देना सनातन संस्कृति रहा है। उन्होने कहा कि महिला नागा सन्यासिन्यों के लिए माईबाड़ा केवल जूना अखाड़े में ही है। उन्होने बताया कि ये सभी अखाडे के नियमों का पालन करते हुए सनातन धर्म को मजबूती देने का कार्य करेगी।

woman naga sanyasi in Kumbh mela haridwar
woman naga sanyasi in Kumbh mela haridwar

—————————————————————
कैसे शुरु हुई प्रक्रिया और किस तरह होगी खत्म
श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा माईबाड़ा की अन्र्तराष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमहंत आराधना गिरि एवं मंत्री सहज योगिनी माता शैलजा गिरि के साथ साथ पूर्व अध्यक्षा श्रीमहंत अन्नपूर्णा पुरी की देख रेख में सन्यास की दीक्षा प्रारम्भ हुई। बिड़ला घाट पर गोपनीय तरीके से शुरू हुई दीक्षित किये जाने के कार्यक्रम में अखाड़ं के सभी मढ़ियो यानि चार,सोलह,तेरह और चैदह से जुड़ी नवदीक्षित होने वाली महिला सन्यासी शामिल है। महिला सन्यासियों के मुंडन प्रक्रिया के बाद सभी नवदीक्षित महिला नागा सन्यासियों ने बिड़ला घाट पर गंगा स्नान किया गया। यहां गंगा स्नान से पहले संन्यासियों ने सांसरिक वस्त्रों का त्याग कर कोपीन दंड, कंमडल धारण किया। इस दौरान पंडियों द्वारा सभी नागाओं का स्नान के दौरान स्वयं का श्राद्व कर्म संपन्न कराया गया। श्राद्व तपर्ण ब्राह्मण पंडितों के मंत्रोच्चार के बीच किया। सभी नव दीक्षित महिला नागा सन्यासी सायकाल धर्म ध्वजा पर पहुचे,जहां पर विद्वान पण्डितों द्वारा बिरजा होम की प्रक्रिया हुई। महिला नागा की दीक्षा के संबंध में बताते हुए जूना अखाड़े की महिला अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आराधना गिरी ने बताया कि सन्यास दीक्षा में 5 संस्कार होते है जिसमे 5 गुरु बनाये जाते है जब कुम्भ पर्व पड़ता है तो वहां गंगा घाट पर मुंडन, पिण्डदान क्रियाक्रम होते है जिसके बाद रात्रि में धर्मध्वजा के पास जाकर ओम नमः शिवाय का जाप किया जाता जहाँ आचार्य महामंडलेश्वर विजया होम के बाद सन्यास दीक्षा देते है जिसके बाद उन्हें तन ढकने को पौने के मीटर कपड़ा दिया जाता है फिर सभी सन्यासिया गंगा में 108 डुबकियां लगाती है और फिर स्नान के बाद अग्नि वत्र धारण कर अपने आशीर्वाद लेती है।

IMG 20210407 WA0094

श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा माईबाड़ा की अन्र्तराष्ट्रीय निर्माण मंत्री सहज योगिनी माता शैलजा गिरि के अनुसार महिलाओ की सन्यास दीक्षा का कार्यक्रम चल रहा है जहाँ सबसे पहले केश त्याग किया जाता है उसके बाद पिंड दान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सन्यास दीक्षा प्राप्त करने के बाद सन्यासी का सम्पूर्ण जीवन अपने अखाड़े ,सम्प्रदाय ओर अपने गुरु को समर्पित हो जाता है। पूर्व अध्यक्षा श्रीमहंत अन्नपूर्णा पुरी ने बताया कि कुम्भ मेला 2021 के इस विशेष संयोग पर महिलाओं को सन्यास की दीक्षा से दीक्षित किया जा रहा है। कहा कि मनुष्य का एक जन्म तो अपनी माता के गर्भ से होता है दूसरा गुरु से दीक्षा लेकर होता है। सन्यास दीक्षा के उपरांत आत्मा और परमात्मा के मिलन का अहसास होता है। इन महिला सन्यासियों के दीक्षित किये जाने की प्रक्रिया गुरूवार को तड़के आचार्य पीठ द्वारा प्रेयस मंत्र दिये जाने के साथ ही पूर्ण होगी।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
Share News

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *