Uttarakhand Congress Haridwar Loksabha seat Haridwar Congress पंचायत चुनाव में ऐतिहासिक हार के बाद फिर सक्रिय ‘डब्बा गोल’ नेता, गुटबाजी को दे रहे हवा
Uttarakhand Congress पंचायत चुनाव में ऐतिहासिक हार का सेहरा अपने सर बंधवाने के बाद एक बार फिर डब्बा गोल यानी जनाधारविहीन नेता/पदाधिकारी लोकसभा चुनाव आते ही फिर सक्रिय हो गए हैं। ऐसे ही एक नेता जिलाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए खुलकर पार्टी में गुटबाजी को हवा दे रहे हैं। हालांकि नेताजी का रिकार्ड इस मामले में पुराना है वो कभी हरीश रावत के करीबी हो जाते हैं, कभी प्रीतम सिंह के साथ आ जाते हैं तो कभी अपने फायदे के लिए बसपा में चले जाते हैं तो इन दिनों नेताजी का प्रेम प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के लिए हिलोरे मार रहा है। इसलिए फेसबुक पर खुलेआम कांग्रेस की जडों में मट्ठा देने का काम कर रहे हैं।
वार्ड भी ना जीत पाएं और बन गए पदाधिकारी
कांग्रेस में ऐसे नेताओं की भरमार है जो अपना वार्ड तो छोडिए अपना बूथ भी ना जीत पाएं। कई तो ऐसे हैं जिनके कहने पर इनका पडोसी भी कांग्रेस को वोट ना दे पाए। इनका अपना कोई जनाधार नही है। खासतौर पर मुस्लिम और कुछ दलित युवकों के बलबूते अपनी राजनीतिक दुकान चला रहे हैं। लेकिन गुटबाजी को हवा देने में सबसे आगे रहते हैं।
पंचायत चुनाव में कार्यकर्ता नेताजी को ढूंढते रहे गए Uttarakhand Congress
एक बार जिलाध्यक्ष बनने के बाद पंचायत चुनाव में रिकार्ड प्रदर्शन का दावा करने वाले जिलाध्यक्ष राजीव चौधरी को चुनाव में कार्यकर्ता ढूंढते रहे गए। ये अलग बात है कि कांग्रेस ने रिकार्ड प्रदर्शन किया और ऐतिहासिक हार का मुंह नेताजी के नेतृत्व में देखना पडा। यहां तक कि जब कांग्रेस प्रत्याशी कथित धांधली को लेकर जूझ रहे थे तब नेताजी अन्य नेताओं के साथ कोपभवन में थे। हां कार्यकर्ताओं पर मुकदमें होने के बाद नेताजी खादी की अचकन पहन ईंट से ईंट बजा दूंगा वाले डायलॉग देते जरुर नजर आए।
Uttarakhand Congress
क्या कहते हैं कार्यकर्ता
कांग्रेस कार्यकर्ता अतहर अंसारी ने कहा कि राजीव चौधरी जिलाध्यक्ष पद पर हैं। ऐसे में उन्हें अनुशासन की मिसाल कायम करनी चाहिए थी। लेकिन खुद वो ही फेसबुक पर गुटबाजी को हवा दे रहे हैं तो आम कार्यकर्ता पर इसका क्या असर पडेगा। अगर कोई बात है भी तो उसे पार्टी फोरम पर उठाना चाहिए था। उनके इस कदम से कार्यकर्ता हैरान हैं। पार्टी के शीर्ष नेताओं को इस बारे में सोचना चाहिए।
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