केडी/विकास कुमार।
हरिद्वार जनपद में कांग्रेस जिन चंद सीटों पर कुछ मजबूत नजर आ रही है उनमें ज्वालापुर विधानसभा भी है। ज्वालापुर सुरक्षित सीट हैं और यहां से कांग्रेस के कई नेता टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। मौजूदा विधायक सुरेश राठौर को लेकर जनता में नाराजगी और बसपा के कमजोर होने का फायदा यहां कांग्रेस को मिल सकता है। लेकिन बडा सवाल ये कि आखिर कांग्रेस का उम्मीदवार कौन होगा। कांग्रेस के लिए यहां से वरिष्ठ दलित नेता एसपी सिंह इंजीनियर, बरखा रानी, बृज रानी, भूप सिंह, रोशन लाल, एड. सतीश दूबे और किरण सिंह बाल्मिकी व उनके पुत्र रवि बहादुर टिकट की रेस में हैं।
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एसपी सिंह का पलडा क्यों भारी
वरिष्ठ पत्रकार रतनमणि डोभाल बताते हैं कि एसपी सिंह इंजीनियर कांग्रेस के पुराने और तालीमयाफ्ता लीडर हैं। उनमें राजनीति की अच्छी समझ हैं और विकास को लेकर भी उनका विजन दूसरे उम्मीदवारों से ज्यादा साफ है। हरिद्वार में दलित नेताओं की बात करें तो उन जैसा दलित नेता कोई दूसरा नहीं है। हालांकि ये बदकिस्मती की बात है कि उन्हें विधानसभा जाने का मौका नहीं मिला। वो लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड चुके हैं। दूसरी बात ये है कि पिछले चुनाव में वो मोदी लहर के बावजूद बहुत कडे मुकाबले में चुनाव हार गए थे। इसका कारण कांग्रेस की बागी बृज रानी थी, जिन्होंने काफी वोट काटे थे। इस बार भी वो मैदान में हैं और चुनाव की तैयारी पिछले काफी समय से लगे हैं। हालांकि पहले उन्हें हरीश रावत विरोधी खेमे का माना जाता था लेकिन पिछले कुछ समय से हरीश रावत और एसपी सिंह इंजीनियर के बीच नजदीकी बढी हैं। चूंकि ग्रामीण क्षेत्रों में हरीश रावत ज्यादा सक्रिय हैं ऐसे में एसपी सिंह इंजीनियर की दावेदारी दूसरे दोवदारों से ज्यादा बढ गई है।
वरिष्ठ पत्रकार आदेश त्यागी बताते हैं कि एसपी सिंह इंजीनियर सुलझे हुए नेता है और देहात की राजनीति की उन्हें समझ भी है और वो काफी समय से तैयारी भी कर रहे हैं। जहां तक दूसरे दावेदारों का सवाल है वो एसपी सिंह इंजीनियर जैसी क्षमता नहीं रखते हैं। हालांकि, उनकी अपनी समझ और काबलियत है। फिर भी वो फिलहाल दूसरे दावेदारों से बीस हैं। ये देखना होगा कि पार्टी उनपर दांव खेलती है या फिर किसी नए को उम्मीदवार बनाती है।
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