हरिद्वार.
गुरुवार को ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारा प्रेम नगर पुल से ऐतिहासिक श्री मणिकरण साहिब गुरद्वारा हिमाचल प्रदेश के लिए सिख तीर्थ यात्रियों का एक जत्था रवाना हुआ । वाहे गुरु दा खालसा वाहेगुरु दी फतेह और सत श्री अकाल के नारों से यात्रा जत्थे को बस द्वारा रवाना किया गया ।
इस जत्थे को श्री निर्मल संत पुरा के प्रमुख महन्त जगजीत सिंह महाराज ने झंडी दिखाकर रवाना किया । महन्त जगजीत सिंह ने बताया कि यह यात्रा सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाश पर्व के अवसर पर आयोजित की गई है । हिमाचल प्रदेश में स्थित मणिकरण साहिब गुरुद्वारे में श्री गुरु नानक देव जी के चरण पड़े थे। उन्हीं की याद में यह ऐतिहासिक गुरुद्वारा बनाया गया। जहां एक और पार्वती नदी बहती है उसी नदी के तट पर यह ऐतिहासिक गुरुद्वारा स्थित है।
तीर्थ यात्रियों का यह जत्था हरिद्वार से देहरादून होते हुए हिमाचल प्रदेश के पौंटा साहिब में प्रथम पड़ाव करेगा। उसके बाद आगे मणिकरण साहिब गुरुद्वारे के लिए रवाना होगा। छह दिवसीय इस धार्मिक यात्रा का समापन 10 सितंबर को वापस हरिद्वार गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारा में पहुंचकर होगा।
ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारा हरिद्वार के अध्यक्ष सरदार हरजीत सिंह दुआ ने बताया कि इस धार्मिक यात्रा जत्थे में 35 महिलाएं और 15 पुरुष शामिल है । इस यात्रा जत्थे के संयोजक सरदार रघुवीर सिंह का कहना है कि 50 सदस्यीय इस धार्मिक यात्रा जत्थे का उद्देश्य गुरु नानक देव जी के विचारों का प्रचार प्रसार करना है। सरदार बलविंदर सिंह ने बताया कि इस यात्रा का आयोजन राज्य सरकार के मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ के तहत किया गया है और राज्य सरकार का बहुत योगदान है । जिसके लिए सिख समाज राज्य सरकार का आभार व्यक्त करता है ।
इस यात्रा जत्थे में शामिल सरदारनी सुरेंद्र कौर ने बताया कि यह धार्मिक यात्रा जत्था समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिए अभियान चलाएगा। यात्रा जत्थे को सिख समुदाय के लोगों ने ढोल नगाड़ों के साथ रवानगी दी। जत्थे की रवानगी समारोह में संत बलजिंदर सिंह ,संत जसवीर सिंह, संत मनजीत सिंह, सरदार बलविंदर सिंह ,सरदार मोनू सिंह, सरदार रविंदर पाल सिंह आदि मौजूद थे।
हरिद्वार से हिमाचल के मणिकरण साहिब गुरुद्वारे के लिए सिखों का जत्था रवाना
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