scam in irrigation department noone take action

सिंचाई विभाग के करोड़ों के घोटाले में सब खामोश क्यों हैं, जांच के बाद भी कार्रवाई नहीं


रतनमणी डोभाल।
सिंचाई खंड हरिद्वार में करोड़ों रुपए लागत की सिंचाई योजनाओं के घोटालों पर जांच होने के बाद भी आला अफसरों सहित विभाग के मंत्री की चुप्पी हैरान करने वाली है। जगजीतपुर एसटीपी से रानी माजरा तक 10 किमी नाबार्ड के अंतर्गत 23 करोड़ 65 लाख रुपए लागत की नहर निर्माण योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकार्पण कराने के दिन ही धड़ाम हुई जहां के तहां पड़ी है।
इस योजना के धड़ाम होने की जांच भी हो चुकी है। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जगजीतपुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के शोधित जल के पुनः उपयोग हेतु राज्य सेक्टर (नाबार्ड मद) के अंतर्गत सिंचाई नहर निर्माण से संबंधित घोटाले की जांच आख्या 18 अक्टूबर 2021 को सचिव सिंचाई को सौंप दी गई थी। लेकिन अभी तक दोषियों को आरोप पत्र तक विभाग ने नहीं दिया है। वो अधिकारी जिनके पास जिम्मेदारी थी उन पर भी मेहरबानी दिखाई गई। जिन्होंने निरीक्षण करने पर योजना को गैर तकनीकी व अलाभकारी माना था और 11 बिंदुओं पर स्पष्टीकरण तलब किया था। जिसका कोई जवाब उन्हें उनके अधीनस्थ अधिकारी ने नहीं दिया और योजना का निर्माण रोकने के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए नहर निर्माण कार्य चलता रहा और मुख्य अभियंता ने योजना की तरफ से मुंह मोड़ लिया तथा काम हो जाने दिया।
अब ये लोगों का जानने का हक है कि नदी के बायें तट पर बाढ़ सुरक्षा योजना में केंद्र पोषित यूके -13 के अंतर्गत तटबंध निर्माण की 22 करोड़ 60 लाख 57 हजार रुपए लागत की योजना 11 जून 2014 से लगभग 17 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद अधर में छोड़ दिए जाने तथा योजना का 350 लाख रुपया कहां गया और कैसे गया है। सवाल ये भी है कि आख्या के बाद सचिव सिंचाई, प्रमुख अभियंता सिंचाई विभाग उत्तराखण्ड को दोषी अधिकारियों को आरोप पत्र देकर स्पष्टीकरण तलब करने का आदेश दे चुके हैं, इसके बावजूद करोड़ों रुपए के घोटाले के दोषियों को आरोप पत्र देने से प्रमुख अभियंता को किसने रोक रखा है।
इसी प्रकार सुभाष गढ़ की 7 करोड़ रुपए लागत की सिंचाई नहर तथा गूल निर्माण की योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। विधानसभा की समिति इसकी जांच करा चुकी है। इसकी जांच आख्या के पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई। जवाब सिंचाई मंत्री को देना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना का ये हाल किसने किया और उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

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