चंद्रशेखर जोशी/विकास कुमार।
हरिद्वार में तेजी से विकास हो रहा है और गंगा किनारे शांत वातावरण में रहने के लिए बाहर से आकर बडे पैमाने पर लोग प्रोपर्टी खरीद रहे हैं। हरिद्वार के ऐसे ही एक इलाके में बहुत तेजी जमीन खरीद फरोख्त हुई जिसके बाद यहां अब कॉलोनी बनाने के लिए जमीन नहीं बची है। हालांकि कुछ सिंगल प्लाट है लेकिन इनकी कीमतें भी आसमान छू रही हैं। एक तरफ राजाजी टाइगर रिजर्व और दूसरी ओर गंगा के बीच बने इस इलाके में बाहर के लोगों ने बहुत जमीन खरीदी और निवेश किया। Property in Haridwar no land left for purchase in this area of Haridwar
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हरियाणा, दिल्ली एनसीआर के लोगों ने किया निवेश
हरिद्वार का ये इलाका है उत्तरी हरिद्वार जिसमें भूपतवाला से लेकर हरिपुरकलां तक का क्षेत्र आता है। यहां कुछ सालों पहले तक जमीन होती थी लेकिन बहुत तेजी से रिहायाशी बस्तियों को आबाद किया गया और देखते देखते यहां जमीन खत्म हो गई। सबसे ज्यादा निवेश बाहर के लोगों ने किया। इसमें धर्मशालाएं, आश्रम और होटल व अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान बनाए गए है। नई कॉलोनियां विकसित की गई। इनमें भी स्थानीय लोगों से ज्यादा बाहर के लोगों ने प्रोपर्टी में निवेश किया।
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बहुत महंगी हैं यहां प्रोपर्टी
प्रोपर्टी एक्सपर्ट सुनील अरोडा ने बताया कि उत्तरी हरिद्वार में जगह खत्म होने के बाद मोतीचूर तक हरिपुरकलां में प्लाटिंग शुरु हुई और अब वहां भी जमीन नहीं बची है। कुछ प्लाट बचे हैं जिसके दाम बहुत ज्यादा है। यहां तीन से चार हजार रुपए तक रेट है। प्रोपर्टी एक्सपर्ट भरत तनेजा ने बताया कि उत्तरी हरिद्वार में आखिरी कॉलोनी तीन साल पहले काटी गई थी। इसके बाद वहां अब जमीन नहीं बची है। हालांकि आश्रम—अखाडों की जमीने हैं लेकिन वहां भी निर्माण हो गया है। फ्लाई ओवर बनने के बाद यहां प्रोपर्टी के रेट नीचे आने की संभावना थी लेकिन बावजूद इसके रेट और ज्यादा तेज हो गए हैं।
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अनियोजित विकास की भेंट चढा उत्तरी हरिद्वार
वरिष्ठ पत्रकार रतनमणी डोभाल ने बताया कि उत्तरी हरिद्वार अनियोजित विकास की भेंट चढ गया। इसका जिम्मेदारी हरिद्वार रुडकी विकास प्राधिकरण है। यहां अनियंत्रित तरीके से होटल और अन्य व्यापारिक संस्थान बनाए गए। इसके अलावा सत्ता में बैठे नेताओं ने भी यहां जमीनों का खूब खेल किया। इसमें कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के नेता शामिल हैं। शांत इलाका होने के कारण यहां हरियाणा, दिल्ली एनसीआर के लोगों का बहुत निवेश हुआ।
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