Haridwar district court order

पोक्सो के मुकदमे में बयान से पलटे पिता-पुत्री, कोर्ट ने दिए कार्रवाई के आदेश, हरिद्वार का मामला


Rtanmani Dobhal.

फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर प्रेम प्रसंग व घर में घुसकर लैंगिक हमला,मारपीट व जान से मारने की धमकी देने के मामले में एफटीएससी कोर्ट न्यायाधीश कुमारी कुसुम शानी ने अभियुक्त को दोषमुक्त कर दिया है।जबकि शिकायतकर्ता/पीड़िता के पिता पर पुलिस को दी गई तहरीर में मिथ्या कथन करने का आरोप लगाते हुए कानूनी कार्यवाही के आदेश दिए हैं।
शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार चौहान ने बताया कि ज्वालापुर निवासी शिकायतकर्ता ने 11 अगस्त 2017 में आरोपी यासिर पर 17 वर्षीय पुत्री को फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर प्रेम प्रसंग व छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था।

यही नहीं, आरोपी युवक के धर्म विशेष का होने का पता चलने पर पीड़िता ने उससे बातचीत बन्द कर थी। तब शिकायतकर्ता ने स्कूल में आते जाते पीड़िता को परेशान करने,विरोध करने पर मारपीट, गाली गलौज, घर में घुसकर अपहरण का प्रयास व लैंगिक हमला करने समेत एक दर्जन धाराओं में आरोपी युवक के खिलाफ केस दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपी यासिर पुत्र यासीन निवासी ग्रीन पार्क कॉलोनी कोतवाली गंगनहर, रुड़की को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

आरोपी युवक 41 दिन जेल में रहने के बाद फिलहाल जमानत पर बाहर था।ज्वालापुर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के मामले में त्वरित विवेचना कर करीब सवा महीने में आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया था। मामले में गवाही देते हुए शिकायतकर्ता/पीड़िता का पिता पुलिस को दी गई तहरीर में कथनों से मुकर गए। यही,नही,पीड़िता ने भी पुलिस व कोर्ट में मजिस्ट्रेट साहब को दिए बयान का समर्थन नही किया। जिससे आरोपी युवक के खिलाफ ठोस सबूत पेश न होने पर विशेष कोर्ट ने उसे दोषमुक्त कर दिया है। साथ ही, विशेष कोर्ट ने शिकायतकर्ता के पुलिस को दी गई तहरीर में झूठे कथन करने का संदिग्ध पाया है। जिसपर विशेष कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को पुलिस में दी गई तहरीर में झूठे कथन करने पर शिकायतकर्ता/पीड़िता के पिता के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं।

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