Nagar Nigam Haridwar नगर निकाय चुनाव को देखते हुए भाजपा ने अपनी तैयारी शुरु कर दी है। नगर निकाय प्रभारी भी नियुक्त किए जा चुके हैं। हरिद्वार नगर निगम में कई मजबूत दावेदार भाजपा से हैं। लेकिन सबसे मजबूत दावा किसका है और कौन प्रत्याशी कितने पानी में हैं इसको लेकर हमें वरिष्ठ पत्रकारों से बात की है, उन्होंने किसे मजबूत बताया जानते हैं।
मनोज गर्ग पहले महापौर होने का अनुभव
भाजपा के पहले महापौर रहे मनोज गर्ग अपना दावा ठोक रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार आदेश त्यागी बताते हैं कि मनोज गर्ग का व्यवहार अच्छा है और उन्हें पहला मेयर होने का अनुभव भी हैं। लेकिन चुनावी गणित में वो उतने मजबूत नहीं दिखते हैं। मनोज गर्ग पहले मदन कौशिक के खास माने जाते थे लेकिन मेयर बनने के बाद हालात वैसे नहीं रहे। आज मनोज गर्ग के पास अपनी ताकत नहीं है, जो मदन कौशिक के साथ रहने के चलते रहती थी। Nagar Nigam Haridwar
मनोज गर्ग के बाद भाजपा ने यहां से महिला सीट होने पर अन्नु कक्क्ड़ को मैदान में उतारा लेकिन अन्नु कक्क्ड हार गई, इसका असर कहीं ना कहीं मनोज गर्ग पर पडेगा। क्योंकि उनके कंधों पर सबसे बडी जिम्मेदारी थी और पेशेवर नेता होने के बाद अन्नु कक्कड एक घरेलू महिला अनीता शर्मा से हार गई। इससे मनोज गर्ग की छवि को धक्का लगा। फिर भी उनका दावा मजबूत है।
विकास तिवारी के पास क्या ताकत है
वरिष्ठ पत्रकार कुणाल दरगन बताते हैं कि विकास तिवारी छात्र राजनीति से लेकर युवा मोर्चा और भाजपा संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। लोकसभा, विधानसभा, नगर निकाय से लेकर तमाम चुनाव लडाने का अनुभव विकास तिवारी के पास हैं। विकास तिवारी युवा भी है। विकास तिवारी की खासियत ये है कि वो बहुत कुशल और चतुर राजनीतिज्ञ हैं। उन्होंने जमीन से शुरुआत की और कई अहम पदों पर रहने के बाद भी उनमें किंचित मात्र घमंड नहीं दिखता जबकि राजनीतिक आक्रमकता का गुण विद्यमान है। Nagar Nigam Haridwar
ये उनकी सबसे बडी खासियत हैं जो वर्तमान में जनता सबसे ज्यादा पसंद करती है। नगर निगम के सभी साठ वार्डों में उनकी मजबूत पकड हैं। विकास तिवारी नया चेहरा है और उनकी कोई एंटी इनकम्बेसी भी नहीं है। कुल मिलाकर विकास तिवारी निर्विवाद चेहरा हैं। हालांकि कभी कभी सबको खुश करना नुकसानदेह भी साबित हो जाता है। लेकिन भाजपा के लिए वो एक अच्छा विकल्प साबित होंगे इसमें कोई दो राय नहीं है।
एक्टर, डायरेक्टर, लेखक, समाजसेवी और नेता विशाल गर्ग से क्या उम्मीद
वरिष्ठ पत्रकार रतनमणी डोभाल बताते हैं कि नेता या तो पेशेवर होता है या फिर अनाड़ी। नेता बीच में लटका नहीं होता है। विशााल गर्ग अच्छे इंसान है इसमें कोई दो राय नहीं है और विशाल गर्ग में अच्छे नेता बनने के गुण भी है। लेकिन मुझे लगता है कि विशाल गर्ग अभी भी दो नहीं तीन चार या ज्यादा नावों में सवार हैं। जो उनकी पेशेवर नेता की छवि को बनने नहीं देता है। उनको युवा एक समाजसेवी के तौर पर पसंद करते हैं। लेकिन नेता बनने के लिए समाजसेवी की छवि से बाहर आने की जरुरत है। Nagar Nigam Haridwar
विशाल गर्ग भी बेहतर उम्मीदवार हो सकते हैं। लेकिन विशाल गर्ग को अपनी छवि पेशेवर नेता वाली बनानी होगी और इसके लिए कार्यक्रमों के मंचों पर उपस्थिति से हटकर जनता के बीच सड़क पर बैठने की आदत डालनी होगी। जनता अपने नेता में एक समाजसेवी वाली सौम्य छवि के बजाए एंग्रीमैन वाली छवि को ज्यादा पसंद करती हैं। वरिष्ठ पत्रकार कुणाल दरगन बताते हैं कि विशाल गर्ग लंबी रेस का घोड़ा साबित हो सकते हैं, लेकिन उन्हें अपनी कार्यशैली में बदलाव लाने की जरुरत है। जहां तक टिकट की बात है तो वो भी एक विकल्प बन सकते हैं। Nagar Nigam Haridwar
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