रत्नमणी डोभाल। महंत रविन्द्र पुरी
अखाड़ा परिषद के एक गुट के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी और कांग्रेस के ज्वालापुर सीट से विधायक रवि बहादुर के बीच मजार और समाधि का विवाद लंबा खींचता दिखाई दे रहा है । कॉन्ग्रेस विधायक समर्थकों ने शुक्रवार को प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता करते हुए महंत रविंद्र पुरी पर कई गंभीर आरोप लगाए और काजल पूरी मामले की सीबीआई जांच की मांग कर डाली। यही नहीं उन्होंने महंत रविंद्र पुरी पर दलित विरोधी और सनातन विरोधी होने का आरोप भी लगाया । महंत रविन्द्र पुरी
क्या है काजल पूरी मामला
कुछ साल पहले निरंजनी अखाड़ा से जुड़े एक मंदिर के पुजारी की पत्नी काजल पुरी पर आरोप था कि वह महंत रविंद्र पुरी को ब्लैकमेल करने के लिए एक नाबालिग लड़की का प्रयोग कर रही थी। इसकी साजिश सामने आने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और काजल को गिरफ्तार कर लिया। कांग्रेस ने इस मामले में बड़े षड्यंत्र होने का अंदेशा जताया है और आरोप लगाया है कि वह कौन सा संत था जो काजल पुरी को वीआईपी ट्रीटमेंट दे रहा था और उसके आने जाने का सब व्यवस्था कर रहा था। जिसके कहने पर काजल पूरी को सब सुख सुविधाएं मिल रही थी। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि खुद को बचाने के लिए काजल को फंसाया गया है । इस मामले की सीबीआई जांच की जानी चाहिए । ताकि सच से पर्दा हट सके। कांग्रेस इस संबंध में जल्द ही मुख्यमंत्री और एसएसपी को पत्र लिखेगी। काजल पुरी तभी से जेल में है और काजल पुरी को जमानत नहीं मिल पाई है ।
वही कांग्रेस नेता अनिल भास्कर ने निरंजनी अखाड़े के की संपत्तियां खुर्द बुर्द किये जाने का आरोप भी लगाया और कहा कि इस मामले की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा की करोड़ों हिंदुओं की आस्था मां मनसा देवी मंदिर पर है। लेकिन वहां भ्रष्टाचार और अव्यवस्था फैली हुई है। जिलाधिकारी को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए। निरंजनी अखाड़े में जो भी गलत हो रहा है उसकी जांच की जानी चाहिए। उन्होंने महंत रविन्द्र पुरी को दलित विरोधी कहा और आरोप लगाया कि महंत रवींद्र पुरी अपने पद और संत की गरिमा को सम्मान नहीं कर रहे हैं। संत सबके होते हैं लेकिन वह भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। क्योंकि उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं और अखाड़े में जो भी गलत हो रहा है उसको छुपाने के लिए वह इस तरह के विवादों में कूद पड़ते हैं।
उन्होंने कहा कि अखाड़े के दूसरे वरिष्ठ संतो को इस पर विचार करना चाहिए कि ऐसे व्यक्ति को जो पद की गरिमा को ध्यान न रखें उसे अपने पद पर बने रहना चाहिए या नहीं। उन्होंने महंत रविन्द्र पूरी को जल्द अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की। वहीं दूसरी ओर संतो की ओर से भी विधायक रवि बहादुर के खिलाफ रोष प्रकट किया गया। महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि रवि बहादुर ने मजार और समाधि की तुलना की है जो गलत है और उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
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