विकास कुमार।
हरिद्वार कुंभ मेला कोरोना टेस्टिंग घोटाले में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। अभी तक जो जानकारी सामने आई है उसमें कोरोना टेस्टिंग करने वाली मैक्स कॉर्पोरेट सोसाइटी ने नालवा और डॉक्टर लाल चंदानी लैब्स के जरिए करीब 1 लाख कोरोना टेस्टिंग का फर्जीवाड़ा किया है। इन सभी टेस्टिंग की जिला प्रशासन और मेला प्रशासन जांच कर रहा है। अभी तक करीब 5000 मोबाइल नंबरों की जांच हो चुकी है। जिनमें से 90% फर्जी पाए गए हैं। यही नहीं हरिद्वार में उन लोगों के भी टेस्टिंग कर दी गई जो कभी हरिद्वार कुंभ मेला में आए ही नहीं। इनमें आरिफ और गुलाम मोहम्मद भी है जिनका कुंभ मेले के दौरान हर की पैड़ी पर होना दिखाया गया और कोरोना टेस्टिंग कर इनकी रिपोर्ट नेगेटिव बताई गई। जबकि ना आरिफ कभी हरिद्वार आए और गुलाम मोहम्मद जो हरिद्वार के रहने वाले हैं कभी हरकी पैड़ी नहीं गए।
आरिफ ने बताया कि वह छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं और एक गैराज में काम करते हैं वह कभी हरिद्वार नहीं गए और ना ही उन्हें इस बात की जानकारी है कि हरिद्वार में कुंभ मेला आयोजित हो रहा है। यही नहीं उन्होंने इस बात पर भी हैरानी जताई कि उनका नंबर मोबाइल नंबर कोरोना टेस्टिंग कराने वाले लोगों की सूची में कैसे चला गया ।जबकि उन्होंने आज आज तक कोरोना की कोई टेस्टिंग नहीं कराई। इसी तरह हरिद्वार के देहात इलाके के रहने वाले गुलाम मोहम्मद जो एक कॉमन सर्विस सेंटर चलाते हैं उन्होंने बताया कि उनके मोबाइल पर अप्रैल महीने में एक मैसेज आया जिसमें कोरोना सैंपल लेने की बात कही गई थी। साथ ही उन्हें आइसोलेट होने के लिए भी कहा गया था जबकि उन्होंने कभी सैंपल दिया ही नहीं था।
मैसेज देखकर वह डर गए और उन्होंने अपने परिवार व दोस्तों से इस बात का जिक्र किया। हालांकि बाद में ऑनलाइन देखने पर उनकी टेस्टिंग रिपोर्ट नेगेटिव आई। तब जाकर उन्होंने राहत की सांस ली। लेकिन उन्होंने इस बात पर बहुत हैरानी जताई कि आखिर जब उन्होंने कोरोना टेस्टिंग के लिए सैंपल दिया ही नहीं तो उनका मोबाइल नंबर टेस्टिंग वाली सूची में कैसे डाल दिया गया। उन्होंने यह भी कहा क्यों हरिद्वार में ही रहते हैं लेकिन कभी हर की पेडी नहीं गए आरिफ और गुलाम मोहम्मद ही नहीं बल्कि ऐसे दर्जनों नंबर है जो कभी हरिद्वार नहीं आए लेकिन उनके मोबाइल नंबर कांटेक्ट वाली सूची में डाल दिए गए।
वही कोरोना टेस्ट वाली सूची में अधिकतर नंबर ऐसे हैं जो प्रयोग में ही नहीं है या फिर गलत है। वही इस पूरे घोटाले की जांच एसआईटी कर रही है साथ ही सीडीओ सौरभ गहरवार भी जांच कर रहे हैं। अभी तक पुलिस मैक्स कॉरपोरेट सर्विस के शरत पंत और मल्लिका पंत से पूछताछ कर चुकी है। जबकि नालवा और डॉ लाल चंदानी लैब से भी पूछताछ हो चुकी है। लेकिन अभी तक किसी ने भी अपने घोटाले में शामिल होने की बात से इनकार किया है। बहरहाल पुलिस अभी घोटाले के दस्तावेजों को जांच रही है और संभावना जताई जा रही है कि जल्दी इसमें आरोपियों की गिरफ्तारी हो जाएगी।
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घोटाले के आरोपियों के भाजपा से जुड़े तार
वही कांग्रेस ने घोटाले के मुख्य आरोपी मैक्स कॉरपोरेट सर्विस के शरत पंत पर भाजपा के मंत्रियों और नेताओं से सांठगांठ होने पर सवाल खड़े किए हैं। शरत पंत के फोटो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं। जिनमें वह भाजपा के केंद्रीय मंत्री राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ दिखाई दे सकते हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उत्तराखंड सरकार इस मामले को रफा-दफा करना चाहती है । इसलिए पूरे मामले की जांच हाई कोर्ट के वर्तमान जज से कराई जानी चाहिए। कांग्रेस इस मामले को लेकर लगातार हमलावर बनी हुई है।
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