illegal mining is going on in ravasan river in haridwar

अवैध खनन: मंत्री के करीबी भाजपा नेता की मुश्किलें बढ़ी, अफसरों पर भी गिर सकती है गाज

केडी/विकास कुमार।
रिवर ट्रेनिंग की आड़ में रवासन नदी में हुए अवैध खनन को लेकर पीडित किसान की अपील पर माननीय उच्च न्यायालय ने सरकार द्वारा जारी वर्क आर्डर पर स्टे लगा दिया है। यही नहीं कोर्ट ने प्राथमिक तौर पर भाजपा नेता आलोक द्विवेदी को खनन के लिए जारी किए गए आदेश को भी एक गलत माना है। वहीं, इस मामले में खनन विभाग और जिलाधिकारी हरिद्वार से जवाब तलब किया है। वहीं पीडित किसान जसविंदर सिंह ने इस मामले में अफसरों पर ढील बरतने का भी आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि लालढांग के भाजपा ब्लॉक अध्यक्ष आलोक द्विवेदी को 2018 के वर्क आर्डर पर शासन ने हाल ही में दो माह के लिए निजी भूमि पर खनन करने की अनुमति दी थी। ये अनुमति रिवर ट्रेनिंग पॉलिसी के आधार पर दी गई थी। जबकि, पीडित किसान जसविंदर सिंह का तर्क था कि आलोक द्विवेदी पूर्व में दो बार खनन कर चुका है। लेकिन इस बार ​पुरानी अनुमति के आधार पर ही फिर से खनन करने की अनुमति दिया जाना गैर कानूनी है और इससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हुआ है। क्योंकि खनन से पहले कोई अससमेंट नहीं कराया गया है।
वहीं दूसरी ओर ​खनन की आड में बडे पैमाने पर अवैध खनन भी किया गया। ये बात ​खुद वन विभाग के अफसर की चिट्ठी ने खोल दी। जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और कुछ वाहनों को सीज कर अपना पल्ला झाड दिया। उधर, लोगों का आरोप है कि इस मामले में कार्रवाई इसलिए नहीं की गई क्योंकि आलोक द्विवेदी मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद का खास है और प्रशासन ने इसमें लापरवाही बरती।
जब प्रशासन स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो इस मामले में पीडित किसान जसविंदर सिंह उच्च न्यायालय चले गए, जहां से उन्हें इस मामले में स्टे मिल गया। किसान जसविंदर सिंह ने बताया कि​ जिस तरह कोर्ट में मेरी याचिका को माना है और खनन आदेश को गलत बताते हुए स्टे दिया है, मुझे उम्मीद है कि न्यायालय से इंसाफ जरुर मिलेगा और सरकार को जो राजस्व की हानि हुई है और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाया गया है। इस गलत काम को समर्थन करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होगी और ये पूरा नेक्सस सामने आ पाएगा।

कांग्रेस और आप ने किया सरेंडर
अवैध खनन को स्वामी यतीश्वरानंद पर हल्ला बोलने वाले कांग्रेस के ग्रामीण कार्यकारी अध्यक्ष राजीव चौधरी और आप के हरिद्वार ग्रामीण प्रभारी नरेश शर्मा ने सरेंडर कर दिया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक राजीव चौधरी हरिद्वार ग्रामीण से चुनाव लडना चाहते थे और उन्हें यहां की जनता से ज्यादा रेसपांस नहीं मिला जिसके बाद राजीव चौधरी ने हरिद्वार ग्रामीण में सक्रियता कम कर दी। वही आप नेता नरेश शर्मा जो स्वामी यतीश्वरानंद का निवास घेरने वाले थे उनकी चुप्पी का कारण निजी बताया जा रहा है।

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