पीसी जोशी।
उत्तराखण्ड पुलिस के अभियान भिक्षा नहीं शिक्षा के तहत सीनियर अफसर कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने हरिद्वार के भिखारियों की जिंदगी बदल दी। हरकी पैडी से पकडे गए भिखारियों में से 16 भिखारियों को उनकी इच्छा के अनुसार सम्मानजनक जीवन जीने के लिए पुलिस ने खानसामा की ट्रेनिंग दी और ट्रेनिंग के बाद इन्हें कुंभ पुलिस लाइन व थानों में खाना बनाने की नौकरी भी दी। यही नहीं इनके खाते खुलवाए और इनकी तनख्वाह भी खातों में आना शुरु हो गई है।
यही नहीं कुंभ मेला खत्म होने के बाद इन सभी को सिडकुल में विभिन्न कंपनियों में काम दिया जाएगा। कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि डीजीपी उत्तराखण्ड अशोक कुमार की पहल पर हरिद्वार में भिक्षा नहीं शिक्षा अभियान चलाया गया। इसके तहत हरकी पैडी क्षेत्र से 183 भिक्षुकों को भिक्षुक गृह लाया गया और यहां उनको साफ सुथरा कर उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया गया। इनमें से 110 भिखारियों को वापस भिक्षावृति में न जाने की चेतावनी देकर छोड़ दिया गया, 57 ने घर वापस जाने की इच्छा जताई, जिन्हें थानाध्यक्ष जीआरपी अनुज सिंह के जरिए घर भेजने की व्यवस्था कर उन्हें उनके घर भेजा गया। इन सभी भिक्षुकों में से 16 भिक्षुक ऐसे थे जो अभिरक्षा अवधि पूरी होने के बाद सम्मानजनक जीवन जीने के पुलिस के बताए रास्ते पर आगे बढ़ना चाहते थे और इन सभी को खाना बनाने की ट्रेनिंग दी गई।
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इस बडे होटल में दी गई ट्रेनिंग
इन सभी 16 भिक्षुकों को गौतम कुमार, रूपुराम, अर्जुन, दिपनेश कुमार, दिलीप कुमार, सुखपाल, शंकर, हरिओम, पंकज, बिशुन, हरीश, मदन, सुनील, राकेश, राजेश और सुरेंद्र अच्छा व्यवसायिक प्रशिक्षण देने के लिए सिडकुल में स्थित होटल रेडिसन प्रबंधन से वार्ता की गई। होटल रेडिसन प्रबंधन के द्वारा इस मानवीय कार्य मे सहर्ष सहभागिता करने की इच्छा जाहिर की गई और अपने पेशेवर सेफ और कर्मचारियों से 16 भिक्षुकों को होटल व्यवसाय का प्रशिक्षण दिया गया। फरवरी माह में प्रशिक्षण पूरा होने पर इन सभी 16 भिक्षुकों को थाना/चौकी और पुलिस लाइन की मेसों में संविदा पर कार्य पर लगा दिया गया। वहीं कुंभ खत्म होने के बाद इन सभी को विभिन्न व्यवसायिक जगहों पर नौकरी दिए जाने का आश्वासन भी दिया गया है।