Haridwar Loksabha Harish Rawat Virendra Rawat
Haridwar Loksabha अपने पुत्र विरेंद्र रावत का टिकट होने के बाद कांग्रेस नेताओं और समर्थकों के गुस्से को कम करने के मकसद से हरीश रावत ने फेसबुक पर झूठे दावे वाली पोस्ट कर डाली। जिसके बाद हरीश रावत को उनके पेज पर ही लोगों ने खरी खोटी टिप्पणी करना शुरु कर दिया।
हरीश रावत ने दावा करते हुए लिखा कि विरेंद्र का टिकट उनके पुत्र के तौर पर नहीं बल्कि कार्यकर्ता के तौर पर हुआ हैं। हाईकमान को कार्यकर्ता भारी लगा जिसके बाद चयन हुआ। यही नहीं विरेंद्र रावत को 2009 से हरिद्वार के गांव—गांव के लोगों के सुख दुख का साथी तक बता दिया। जिस पर लोगों ने तीखे कटाक्ष कर दिए।
क्या—क्या कमेंट किए
हरीश रावत की पोस्ट पर जहां उनके समर्थकों ने बधाई दी वहीं कई ऐसे भी थे जिन्होंने हरीश रावत पर कांग्रेस को खत्म करने का दोष लगा दिया। एक यूजर ने लिखा वॉक ओवर की बधाई। जबकि एक यूजर ने अमर उजाला की उस खबर की कटिंग डाल दी जिसमें हरीश रावत ने विरेंद्र रावत को टिकट दिए जाने की बात कही थी।
वहीं एक यूजर ने लिखा कि हरिद्वार में विरेंद्र से बेहतर कोई कार्यकर्ता नहीं था। जबकि एक ने लिखा कि कार्यकर्ता सिर्फ दरी बिछाने के लिए हैं। वहीं अधिकतर ने हरीश रावत को उत्तराखण्ड में कांग्रेस को खत्म करने वाला बताया।
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हरक—करण, राजकुमार सैनी से बडे कार्यकर्ता विरेंद्र
हरीश रावत अपनी पोस्ट में दावा कर रहे हैं कि विरेंद्र का चयन कार्यकर्ता के तौर पर हुआ है। क्योंकि वो लगातार पार्टी और जनता की सेवा में रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार अवनीश प्रेमी बताते हैं कि हरीश रावत का ये दावा कि विरेंद्र का कार्यकर्ता के तौर पर चयन हुआ है, पूरी तरह गलत है।
सच ये है कि हरीश रावत विरेंद्र को टिकट देने की जिद पर अडे हुए थे। जबकि संगठन और हाईकमान हरीश रावत के नाम पर राजी थी। जबकि विरेंद्र से ज्यादा अनुभवी और अच्छे नेता पार्टी में मौजूद हैं। जिनमें करण माहरा, हरक सिंह रावत, राज कुमार सैनी व अन्य हैं। लेकिन ये साफ है कि विरेंद्र का टिकट हरीश रावत के कहने पर ही हुआ है।