Haridwar Congress office subhash ghat haridwar harki pauri haridwar Satpal Brahmchri Uttarakhand Congress आजादी के दौर का दफ्तर खाली

Haridwar Congress office: सड़क पर आई कांग्रेस, आजादी के दौर का दफ्तर खाली, एक नेता की भूमिका संदिग्ध

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Haridwar Congress office subhash ghat haridwar harki pauri haridwar Satpal Brahmchri Uttarakhand Congress आजादी के दौर का दफ्तर खाली

Haridwar Congress office

कांग्रेस की गुटबाजी के कारण आजादी से पहले का Haridwar Congress office कार्यालय खाली करना पड़ गया। कोर्ट ने किराया समय पर ना जमा करने के चलते हरकी पैडी स्थित सुभाष घाट पर मौजूद कांग्रेस का कार्यालय खाली करने के आदेश दिए थे। मंगलवार को अमीन की मदद से कांग्रेस कार्यालय में मौजूद सामान बाहर फेंक दिया गया।

वहीं कांग्रेस ने इस मामले में नगर कोतवाली में तहरीर दी है। इस पूरे प्रकरण में एक कांग्रेस नेता की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है, जिसकी चर्चा पूरे ​प्रकरण के दौरान कांग्रेस नेता करते रहे। वहीं अमीन ने भी इसी कांग्रेस नेता को फोन करने का दावा किया है। Haridwar Congress office

किस नेता ने की दगा
हरकी पैडी ​पर सुभाष घाट पर कांग्रेस का कार्यालय आजादी से समय से पहले है। कांग्रेस नेता इसे 100 साल पुराना कार्यालय बताते हैं। यही कांग्रेस के नेताओं ने आजादी की लड़ाई लडी। कई बड़े नेता भी इस कार्यालय पर आए। लेकिन आज कांग्रेस को इस कार्यालय से बेदखल होना पड़ गया। ये सब हुआ गुटबाजी के कारण। असल में किराए की इस इमारत को लेकर कोर्ट में वाद चल रहा था।

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Haridwar Congress office subhash ghat haridwar harki pauri haridwar Satpal Brahmchri Uttarakhand Congress आजादी के दौर का दफ्तर खाली

कांग्रेस महानगर अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी बताया कि ने किराया 20 हजार रुपए प्रतिमाह तय कर दिया था, जिस दस तारीख तक जमा होना था।
मैं अप्रैल में अध्यक्ष बना और हमनें किराया टाइम से जमा किया। लेकिन पूर्व के समय का किराया कुछ बाकी था जिसे जमा कर दिया गया था। कहां कमी रही इसकी जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल हाईकोर्ट में पैरवी के लिए गए हैं।

कांग्रेस के इस नेता की भूमिका संदिग्ध
वहीं आज पूरे प्रकरण में कांग्रेस के पूर्व महानगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल की भूमिका को लेकर सवाल खडे होते रहे। कब्जा लेने आए विपक्षी की ओर से अमीन ने संजय अग्रवाल को फोन किया। लेकिन संजय अग्रवाल ने गुटबाजी के चलते किसी दूसरे पदाधिकारी को सूचना देना मुनासिब नहीं समझा।

ये भी बताया जा रहा है कि संजय अग्रवाल ने ये कह दिया कि मैं अब अध्यक्ष नहीं हूं जो करना है करो। अमीन ने फोन करने की बात सार्वजनिक तौर पर बताई भी।


जिसके बाद कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए कार्यालय खाली कर दिया गया और सामान को बाहर फेंक दिया गया। वहीं संजय अग्रवाल ने सभी आरोपों से इनकार किया है और कहा कि मामले की सही पैरवी ना होने के कारण ये नौबत आई। इसके लिए वर्तमान कार्यकारिणी को जवाब देना चाहिए।

गुटबाजी के चलते कांग्रेस सड़क पर आई
देश के सभी राज्यों में कांग्रेस उत्तराखण्ड में सबसे ज्यादा कमजोर नजर आती है। इसका मुख्य कारण प्रदेश स्तर पर जारी गुटबाजी है। हरीश रावत और प्रीतम सिंह का खेमा जमीन के कार्यकर्ताओं तक बंटा हुआ है। इसी तरह हरिद्वार में भी सतपाल ब्रह्मचारी गुट है तो एक संजय पालीवाल गुट है। संजय पालीवाल गुट के संजय अग्रवाल है। दोनों गुटों में जारी गुटबाजी के कारण केस की पैरवी नहीं हो पाई और करीब सौ साल पुराना कार्यालय खाली करना पड गया।

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