Haridwar Blind Murder Case हरिद्वार की श्यामपुर पुलिस ने 24 नवंबर को हुए ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा करते हुए दिल्ली में रहने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। रवासन नदी के किनारे 37 साल के युवक का शव मिला था जिसकी पहचान छुपाने के लिए चेहरा पत्थरों से कुचल दिया था। काफी मशक्कत के बाद युवक की पहचान अभय शर्मा निवासी पश्चिमी दिल्ली के तौर पर हुई और पुलिस आखिरकर हत्यारों तक पहुंच गई जो उसके ही दोस्त निकले। हत्या पैसों के विवाद को लेकर की गई थी।
अय्याश मिजाज अभय शर्मा करता था लड़कियां सप्लाई
पुलिस के मुताबिक अभय शर्मा अपने परिवार से अलग रहता था और अय्याश किस्म का होने के कारण कई गलत धंधों में भी जुड़ा था। उसके करीबियों से पता चला है कि वो दिल्ली में लड़कियां भी सप्लाई करता था। अय्याशी की आदत के चलते ही उसकी मुलाकात नीरज शुक्ला पुत्र त्रिभुवन शुक्ला निवासी विकासपुरी दिल्ली और नागेंद्र पुत्र सिंहराज निवासी भुवापुर थाना तिगांव जिला फरीदाबाद से हुई। दोनों दोस्त पेशे से ड्राइवर हैं और ट्रैवल कारोबार से जुड़े है।
Haridwar Blind Murder Case
क्या थी हत्या की वजह
थाना प्रभारी नितेश शर्मा ने बताया कि अभय शर्मा ने आरोपी नीरज शुक्ला से छह लाख रुपए उधार लिए थे और मांगने पर वापस नहीं करता था। हाल ही में मृतक अभय शर्मा ने दिल्ली में अपना एक फ्लैट 30 लाख रुपए में बेचा था। नीरज की उधारी चुकाने के बजाए अभय सारा पैसा अय्याशी में उड़ा रहा था। ये देखकर नीरज ने अपने साथी नागेंद्र के साथ मिलकर एक महीने पहले हत्या का प्लान तैयार कर लिया। Haridwar Blind Murder Case
हरिद्वार में तांत्रिक से मिलाने लाए
पुलिस का दावा है कि अभय सट्टा खेलने का आदी था और नंबर के लिए तांत्रिकों पर भी यकीन करता था। ये बात उसके दोस्तों को पता थी और हरिद्वार में लाकर हत्या करने के लिए उन्होंने अभय शर्मा को यकीन दिलाया कि हरिद्वार में एक बाबा है जो नंबर बताता है। दोनों यहां हरिद्वार और नैनीताल से वापसी के दौरान उन्होंने रवासन नदी के पास उसकी हत्या गला दबाकर कर दी और पहचान छुपाने के लिए उसके चेहरे को पत्थरों से कुचल दिया। Haridwar Blind Murder Case
मृतक की पहचान थी बड़ी चुनौती
एसएसपी परमेंद्र डोभाल ने बताया कि ये ब्लाइंड मर्डर था और मृतक की पहचान सबसे बड़ी चुनौती थी। सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल से भी बहुत ज्यादा जानकारी नहीं मिल पा रही थी। लेकिन लगातार प्रयासों के बाद हत्यारों की एक बाइक का क्लू मिला जिसको ट्रैक करते हुए हरिद्वार के होटल तक पहुंचे और वहां से दिल्ली और तब अभय शर्मा की शिनाख्त हो पाई। उन्होंने बताया कि श्यामपुर पुलिस का काम बेहद ही काबिलेतारीफ है।
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