रतनमणी डोभाल।
हरिद्वार नगर निगम को साफ और स्वच्छ रखने के नाम पर बड़े कचरे घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है। नगर निगम हरिद्वार ने शहर को साफ रखने के लिए महंगे दाम पर कंपनी हायर की, अपने तमाम संसाधन और वाहन उपलब्ध कराए बावजूद इसके कंपनी नियमानुसार काम नहीं कर रही है और अधिकारी आंखों पर पट्टी बांधे सब देख रहे हैं। इधर, सफाई के बजाए यात्रा सीजन में हरिद्वार की सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है और जनप्रतिनिधि निगम की कार्यशैली पर सवाल खडा करते हुए पूरे घोटाले की जांच की मांग कर रहे हैं।
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संसाधन निगम के और कचरा उठाने के निगम दे रहा लाखों रुपए महीना
हरिद्वार नगर निगम ने कचरा उठाने के लिए पहले केआरएल कंपनी हायर की थी इसके बाद कुछ समय निगम ने खुद कचरा उठाया और अब कासा ग्रीन व केएल मदान नाम की कंपनियों को कचरा उठाने के लिए निगम ने हायर किया है। इन कंपनियों को करीब 950 रुपए प्रति मीट्रिक टन कचरा उठाने के दिए जा रहे हैं। निगम के अनुसार महीने में 180 से 200 मीट्रिक टन कचरा प्रतिदिन उठता है। यात्रा सीजन में कचरे की मात्रा बढ जाती है। इस कचरे को उठाने के लिए निगम ने अपने तमाम वाहन और कुंभ में मिली गाडियां कपंनियों को दे रखी है। जिसे कचरे को नियमानुसार उठाकर सराय स्थित डंपिंग ग्राउण्ड मे डालना है। कचरे को उठाने के लिए कंपनी को प्रत्येक घर से गीला और सूखा कचरा अलग अलग कलेक्ट करना था लेकिन कंपनी ने ऐसे कोई इंतजाम नही किए और ना ही निगम ने कोई सुध ली। अब सिर्फ कचरे को किसी तरह उठाकर सराय प्लांट में फेंका जा रहा है। इस काम के निगम कंपनी को महीने में लाखों रुपए अदा कर रहा है जो काफी अधिक है। जबकि इसी काम के लिए केआरएल को करीब 350 रुपए प्रति मीट्रिक टन दिया जा रहा था और इतने पैसे में ही कंपनी प्लांट भी चला रही थी। जबकि अब नगर निगम ने प्लांट चलाने के लिए अलग से कंपनी हायर की है जिसे कूडा प्रोसिसिंग करने के निगम अलग से करीब 500 रुपए प्रति मीट्रिक टन अदा कर रहा है।
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क्या बोली मेयर अनीता शर्मा
मेयर अनीता शर्मा ने कहा कि निगम के अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते हैं। जिन कंपनियों को हायर किया गया है उनको बहुत भारी भरकम रकम देने के बाद भी शहर के हालात जस के तस हैं। हम पहले भी इस पर सवाल खडे कर चुके हैं। लेकिन अधिकारी सुनते नहीं है और फाइल तक हमारे पास नहीं आती है। हमने पंद्रह दिन पहले भी नगर आयुक्त को पत्र लिख इस मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा है।
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क्या बोले पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष
पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने बताया कि यात्रा सीजन में शहर की सफाई व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है। निजी कंपनियों को लाखों रुपए का भुगतान किया जा रहा है और काम कुछ हो नहीं रहा है। निगम के अधिकारी शहर की सफाई के प्रति संजीदा नहीं है। इस पूरे मामले की जांच की जानी चाहिए। आखिर कंपनियों के काम को सुपरवाइज कौन कर रहा है।
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