रतनमणी डोभाल। Enemy Property in Uttarakhand
गृह मंत्रालय ने देश के विभिन्न राज्यों में मौजूद शत्रु संपत्ति को बेचने की तैयारियां शुरु कर दी है। देश में कुल 12,611 शत्रु संपत्तियां अब तक चिन्हित की जा चुकी है। इनकी वर्तमान में कीमत करीब एक लाख करोड रुपए से ज्यादा है। शत्रु संपत्ति वो हैं जिनके मालिक बंटवारे के समय पाकिस्तान या चीन में जा बसे हैं और वहां की नागरिकता ले चुके हैं। Enemy Property in Uttarakhand
कई संपत्तियों पर कब्जा भी है और नए नियमों के अनुसार जिलाधिकारी और डिप्टी कमिश्नर शत्रु संपत्तियों को कब्जा मुक्त कराएंगे। शत्रु संपत्तियों में भोपाल के नवाब और राजा महमूदाबाद की संपत्तियां भी शामिल हैं। उत्तराखण्ड के नैनीताल और हरिद्वार में भी शत्रु संपत्ति है। हरिद्वार की शत्रु संपत्ति पर कब्जा हो चुका है। Enemy Property in Haridwar Nawab of Bhopal
किस राज्य में कितनी है शत्रु संपत्ति
शत्रु संपत्ति सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, गोवा, महाराष्ट्र, गुजराज आदि में हैं। इनमें से 12,485 संपत्तियां पाकिस्तान जा चुके लोगों की हैं। वहीं 126 संपत्तियों चीन की नागरिकता ले चुके लोगों की हैं। उत्तर प्रदेश (6,255 संपत्तियां) पश्चिम बंगाल (4088 संपत्तियां), दिल्ली (659 संपत्तियां), गोवा (295 संपत्तियां), महाराष्ट्र (208), तेलंगाना (158), गुजरात (151), बिहार (94), मध्य प्रदेश (94), छत्तीसगढ़ (78) और हरियाणा (71) संपत्तियां शामिल हैं। Enemy Property in Nainital
केरल में भी 71 शत्रु संपत्तियां हैं। वहीं उत्तराखंड (69), तमिलनाडु (67), मेघालय (57), असम में (29), कर्नाटक में (24), राजस्थान में (22), झारखंड में (10) दमन और दीव में (चार) और आंध्र प्रदेश और अंडमान निकोबार में एक-एक शत्रु संपत्तियां हैं।
कैसे बेचा जाएगा
सरकार ने इसके लिए गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत जिन शत्रु संपत्तियों की कीमत एक करोड रुपए से कम है उन संपत्तियों पर काबिज लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। उनके नहीं होने पर संपत्तियों की नीलामी की जाएगी। जबकि एक करोड से 100 करोड के बीच की संपत्तियों को ई—नीलामी प्लेटफार्म के जरिए बेचा जाएगा। शत्रु संपत्तियों की नीलामी से सरकार को बडा फायदा होने की उम्मीद है। Enemy Property in India
उत्तराखण्ड के नैनीताल, देहरादून और हरिद्वार में हैं शत्रु संपत्ति
वहीं नैनीताल का प्रसिद्ध होटल मेट्रोपोल जहां पाकिस्तान के जनक मोहम्मद अली जिन्ना रुके थे शत्रु संपत्ति में आता है। ये होटल नवाब मेहमूदाबाद की संपत्ति है। वहीं हरिद्वार में भी शत्रु संपत्ति है। ज्वालापुर, रुडकी और दूसरे इलाकों में शत्रु संपत्ति हैं जिस पर अब कब्जा हो चुका है। हालांकि नए नियमों के अनुसार शत्रु संपत्ति पर कब्जा खाली कराया जाएगा और इसे बेचा जाएगा।
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