विकास कुमार।
हरिद्वार रूडकी विकास प्राधिकरण क्षेत्र में एक अप्रैल से 31 अगस्त तक हुए अवैध निर्माणों की सूची एचआरडीए के उपाध्यक्ष और जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने तलब कर ली है। जिलाधिकारी ने प्रेस नोट जारी करते हुए बताया कि विभिन्न माध्यमों से संज्ञान में आ रहा है कि विकास क्षेत्र में वृहद स्तर पर अनाधिकृत निर्माण चल रहे हैं। लेकिन बडा सवाल ये है कि आखिर जिलाधिकारी को एक्शन लेने पर बाध्य क्यों होना पडा। क्यों एचआरडीए पिछले दिनों अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहा और अगर हां तो हरिद्वार में हुए अनियोजित विकास का जिम्मेदार कौन है।
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आक्सीजन लेन और गौरेया संरक्षण में मस्त रहा एचआरडीए
जिलाधिकारी ने जिस समय के अवैध निर्माण कार्यों की सूची तलब की है उसमें सबसे ज्यादा समय सचिव रहे कुंभ मेला में अपर मेलाधिकारी रहे ललित नारायण मिश्रा। इनका फोन शहर के नियोजित विकास से ज्यादा आक्सीजन लेन बनाने और गौरेया संरक्षण कार्यक्रमों में ज्यादा रहा। मीडिया में अवैध निर्माण पर कार्रवाई से ज्यादा साहब का आक्सीजन लेन अभियान चर्चा का विषय रहता था, सोशल मीडिया पर भी उनके दाएं—बाएं वाले अभियान को ऐसे चलाते थे जैसे इससे पहले हरिद्वार में आक्सीजन लेन बनी ही नहीं हो, जबकि जिस नहर पटरी पर आक्सीजन लेन बनाने का दावा किया जा रहा था, उस पर एचआरडीए कई बार विकास की गंगा बहा चुका है। लेकिन आक्सीजन लेने के चक्कर में एचआरडीए अपना मूल काम भूल सा ही गया। जिसके कारण अब जिलाधिकारी ने अवैध निर्माणों की सूची तलब कर ली है।
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क्या बोले डीएम
डीएम विनय शंकर पाण्डेय ने उक्त निर्माणों के सम्बन्ध में समस्त सहायक अभियंता एच0आर0डी0ए0, समस्त अवर अभियंता एच0आर0डी0ए0 तथा समस्त वाद लिपिक/आई0टी0 अनुभाग को ऐसे अवैध निर्माण जिनमें अभी तक कोई चालानी/प्रभावी कार्यवाही नहीं की गयी है की सूची, स्वीकृत मानचित्र जिनमें विचलन है तथा अभी तक कोई चालानी/प्रभावी कार्यवाही नहीं की गयी है की सूची तथा दिनांक 01 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक एवं 01 अप्रैल 2021 से 31 अगस्त 2021 तक जारी अवैध निर्माणों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि सभी जेई/एई अपने-अपने क्षेत्रों का सघन निरीक्षण करते हुए उपरोक्त बिन्दुओं के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास अधिनियम, 1973 (संशोधित अधिनियम, 2013) के अधीन 07 दिन के भीतर प्रभावी कार्यवाही करना सुनिश्चित करेंगे।
विनय शंकर पांडेय ने यह भी बताया कि 07 दिन के उपरान्त अधिशासी अभियन्ता/संयुक्त सचिव/सचिव द्वारा स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा तथा निरीक्षण के दौरान यदि कोई अवैध निर्माण ऐसा पाया गया जिसमें चालानी/प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई है तो सम्बन्धित क्षेत्रीय जेई/एई इसके लिए सीधे तौर पर स्वयं जिम्मेदार होंगे तथा उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।