राकेश वालिया।
कांग्रेस के दिग्गज संत और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जयराम आश्रम पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के गुरु ब्रह्मलीन देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी के श्रद्धांजलि सभा के कार्यक्रम में सूबे के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक सहित भाजपा के कई बडे नेता पहुंचे। इस बीच श्रद्धांजलि सभा में कांग्रेसी नेताओं की कम संख्या ने इस चर्चा को गरम कर दिया कि क्या ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी का कांग्रेस से मोहभंग होता जा रहा है। मौजूदा समय में ये और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि कई राज्यों में कांग्रेसी नेता लगातार भाजपा में शामिल हो रहे हैं।
हरिद्वार में ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी का बडा नाम है और वो कांग्रेस के दिग्गज नेता भी हैं। कांग्रेस ने उन्हें हरिद्वार नगर सीट से भाजपा के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के खिलाफ विधानसभा चुनाव में टिकट दिया था। उस दौरान उन्होंने शहरी विकास मंत्री पर बडा हल्ला भी बोला था। नशे और भ्रष्टाचार के मामले में उन्होंने मदन कौशिक को घेरने की कोशिश की थी। लेकिन, मदन कौशिक ने रिकार्ड जीत दर्ज कर अपना दबदबा कायम रखा था। वहीं हार के बाद ये भी बात सामने आई थी हरिद्वार के कांग्रेसियों ने स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी का साथ नहीं दिया। जिसके कारण संतों की नगरी होने के बावजूद एक दिग्गज संत को हार का सामना करना पडा।
कार्यक्रम में एक महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद ने भी इस बात को लेकर मंच से बोल दिया कि आज कांग्रेसी नेता चिंतित होंगे। हालांकि उन्होंने बाद में सफाई देते हुए ये भी कहा कि संत का कोई दल नहीं होता। इस बात की सभी ने तालियां बजाकर सराहना भी की।
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क्या कहते हैं कांग्रेसी नेता
कार्यक्रम में कांग्रेसी नेताओं की कम संख्या को लेकर सभा में कई तरह के सवाल चर्चाओं में रहे। हालांकि इस बारे में जब ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता संजय पालीवाल ने बताया कि ऐसा कुछ नहीं है। महाराज जी हमारी पार्टी के जिम्मेदार नेता हैं और वो कभी कांग्रेस नहीं छोडेंगे। वहीं महानगर कांग्रेस अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि हम इस बात को कभी नहीं मान सकते हैं कि स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी कांग्रेस को अलविदा कहेंगे।
वरिष्ठ पत्रकार जोगेंद्र सिंह मावी ने बताया कि स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सहित भाजपा नेताओं का जाने से कई तरह की चर्चाएं चल रही है। कांग्रेसी नेता खुद चितिंत दिख रहे हैं। चूंकि कांग्रेस नेताओं की संख्या श्रद्धांजलि सभा में कम थी। इससे सभी कयास लगा रहे हैं। ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी अगर भाजपा में चले जाते हैं तो इसमें किसी को हैरान नहीं होना चाहिए। क्योंकि, विधानसभा चुनाव में कुछ कांग्रेसी नेताओं ने जिस तरह काम किया, वो बहुत ही हैरान करने वाला था। 2021 का महाकुंभ और 2022 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए दिग्गज कांग्रेसी संत ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की भाजपा नेताओं से मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।