BSP Muslim Candidate in Haridwar मौलाना जमील अहमद कासमी
BSP Muslim Candidate in Haridwar क्या भावना पांडे ने बसपा से खुद ही चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है या फिर यह फैसला किसी एक बड़ी रणनीति के तहत बसपा ने करते हुए भावना पांडे का टिकट काट दिया।
सूत्रों की माने तो बसपा से एक मुस्लिम उम्मीदवार का नाम तय कर लिया गया है जिसकी घोषणा मंगलवार को कर दी जाएगी लेकिन मुस्लिम उम्मीदवार लाने की बसपा को क्या जरूरत आन पड़ी थी। बसपा प्रदेश अध्यक्ष शीशपाल ने बताया कि बसपा से पूर्व विधायक मौलाना जमील अहमद कासमी का नाम तय किया गया है। वही भावना पांडे मंगलवार को भाजपा जॉइन करेंगी।
BSP Muslim Candidate in Haridwar

भावना पांडे से होता भाजपा को नुकसान
वरिष्ठ पत्रकार अवनीश प्रेमी बताते हैं की भावना पांडे ने जब बसपा ज्वाइन की उसके बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा था की भावना पांडे मुस्लिम वोट बैंक में उतनी ज्यादा सेंध नहीं लगा पाएगी और उल्टा भावना पांडे पार्वती वोट बैंक में सेंधमारी कर सकती है। जिसका नुकसान सीधे तौर पर भाजपा को होना था। अब इसके बाद अचानक से क्या समीकरण बने की भावना पांडे का टिकट काट दिया गया और एक मुस्लिम उम्मीदवार को बसपा चुनाव लडाने जा रही है। BSP Muslim Candidate in Haridwar
अगर मुस्लिम उम्मीदवार होगा तो करीब 5 लाख वोट वाले मुस्लिम वोट बैंक में विभाजन हो पाएगा और जो मुस्लिम वोट बैंक अब तक कांग्रेस या निर्दलीय उमेश कुमार की ओर झुकता हुआ नजर आ रहा था उसमें जबरदस्त विभाजन होने की संभावना बन जाएगी।
इसका सीधा फायदा भाजपा को मिल सकता है वरिष्ठ पत्रकार रत्नमणि डोभाल बताते हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं कि बसपा हाई कमान के पिछले कुछ समय के फैसले ऐसे रहे हैं जिससे भाजपा को अप्रत्यक्ष तौर पर फायदा हुआ है। यूपी में भी कांग्रेस के टिकट फाइनल होते ही बसपा ने उन सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे जहां पहले से कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवार थे।
कौन है मौलाना जमील अहमद कासमी
मौलाना जमील अहमद कासमी मुज्जफरनगर की मीरपुर से 2012 में विधायक रहे हैं। बसपा के बाद ये 2021 में रालोद जॉइन कर लिए थे। अब दोबारा बसपा में आ गए हैं। और पैराशूट प्रत्याशी के तौर पर हरिद्वार से चुनाव लड़ेंगे।