हरीश कुमार/विकास कुमार।
मंसा देवी मंदिर उडन खटोला चलाने वाली उषा ब्रेको कंपनी की लीज तीस साल के लिए सर्वसम्मति से बढाने वाले कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों व कांग्रेस की मेयर अनीता शर्मा पर कांग्रेस और भाजपा के ही कई नेता भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा चुके हैं। इतना ही नहीं पूर्व सीएम हरीश रावत ने इस मामले में कद्दू कटा—सबमें बटा जैसे तीखे बयानों का प्रयोग करते हुए कांग्रेस की मेयर अनीता शर्मा और भाजपा के नेताओं जिनमें स्थानीय विधायक और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी शामिल हैं को घेरा था। उधर, कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने अपनी मेयर अनीता शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए हाईकमान से कार्रवाई की मांग की है। लेकिन भाजपा की ओर से इस पूरे मामले में अभी तक चुप्पी साधी हुई हैं, खासतौर पर स्थानीय विधायक और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की हरीश रावत के आरोपों पर चुप्पी गले नहीं उतर रही है और मदन कौशिक की इस मौन साधना से लगता है कि उर्षा ब्रेको प्रकरण में जितने आरोप है उनमें सच्चाई है और हरीश रावत भ्रष्टाचार के आरोप सही लगा रहे हैं। क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार आइये जानते हैं
:::::::::::::::::::
पार्षदों को प्रस्ताव पर सहमति के बदले नगद गिफ्ट मिलने का आरोप
वरिष्ठ पत्रकार रतनमणि डोभाल बताते हैं कि उषा ब्रेको पर निगम 123 करोड रुपए बकाया होने का दावा करता रहा है और इस संबंध में कोर्ट में भी वाद चला लेकिन वहां निगम क्यों साबित नहीं कर पाया ये भी सोचनीय प्रश्न है। मेयर चाहे भाजपा का रहा हो या फिर कांग्रेस उषा ब्रेको में हमेशा खेल होता आया है। हालांकि सतपाल ब्रह्मचारी ने अपने समय में बकाया वसूली का अभियान चलाया। नगर आयुक्त वीएस भदौरिया ने भी उषा ब्रेको पर दबाव बनाया था, लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ। सबसे चौंकाने वाला मामला ये है कि सडकों पर एक दूसरे को बुरा भला कहने वाले कांग्रेस और भाजपाई उषा ब्रेको की लीज बढाने में एक हो गए। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि इसके लिए पार्षदों को आर्थिक लाभ पहुंचाया गया, कांग्रेस की ओर से ये काम मेयर अनीता शर्मा के पति अशोक शर्मा की ओर से किया गया और भाजपा की ओर से स्थानीय नेताओं ने लेकिन ये भी साफ है कि भाजपा के पार्षद बिना स्थानीय विधायक मदन कौशिक की हां किसी कागज पर साइन करने की हिम्मत नहीं रखते हैं। लिहाजा, मदन कौशिक को इस मामले में अपनी राय साफ करनी चाहिए। खासतौर पर जबकि हरीश रावत सरीखे नेता सीधे भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हो, ऐसे में मदन कौशिक को बतौर स्थानीय विधायक और प्रदेश अध्यक्ष अपना पक्ष साफ करना चाहिए। क्या वो उषा ब्रेको की लीज बढाने के पक्ष में हैं या फिर जो हुआ वो गलत है। former CM Uttarkhand Harish Rawat and BJP president Madan Kaushik
:::::::::::::::::::
अब गेंद मदन कौशिक के पाले में हैं
वरिष्ठ पत्रकार आदेश त्यागी बताते हैं कि मदन कौशिक हरिद्वार की राजनीति के बेताज बादशाह हैं। उनके इलाके में उषा ब्रेको की लीज बढाने को लेकर भाजपा खेमे पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। कांग्रेस नेताओं ने मेयर अनीता शर्मा को घेर लिया है और भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाया है और कार्रवाई की मांग की है, इसमें कुछ पार्षद भी अनीता शर्मा के खिलाफ है। लेकिन भाजपा की से अभी तक चुप्पी बडा सवाल खडे करती है। खासतौर पर मदन कौशिक को साफ करना चाहिए कि वो इस बारे में क्या सोचते हैं। क्या लीज बढाने का फैसला गलत लिया गया है और अगर गलत है तो क्या मदन कौशिक शहरी विकास मंत्रालय को लीज बढाए जाने के अनुमोदन को निरस्त कराने का काम करेंगे और अगर सही है तो क्या मदन कौशिक की चुप्पी बहुत कुछ साफ कर देती है।
::::::::::::::::::::
कांग्रेस के इन नेताओं ने मेयर अनीता शर्मा और अशोक शर्मा के खिलाफ की जांच की मांग
कांग्रेस नेता सतपाल ब्रह्मचारी ने आरोप लगाया कि पिछले बीस सालों से भाजपा के भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस लड रही है और इसी लडाई का नतीजा था कि मेयर अनीता शर्मा को जीत मिली। लेकिन मेयर अनीता शर्मा ने बिना विरोध के इस प्रस्ताव को पास करा दिया, जो सीधे भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। इससे कांग्रेस की लडाई को बडा धक्का लगा है। इसलिए इस मामले में हाईकमान को जांच कराकर कार्रावाई करनी चाहिए। कांग्रेस नेता प्रदीप चौधरी, उपेंद्र कुमार, वरुण बालियान आदि ने भी जांच की मांग की है। वहीं कांग्रेस के दो पार्षद कैलाश भट्ट व इसरार सलमानी ने भी फैसले पर आपत्ति जताते हुए पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है। वहीं भाजपा की ओर से पार्षद पति कन्हैया खेवडिया और पार्षद रेणु अरोडा ने खुले तौर पर इस फैसले का विरोध किया और जांच की मांग की।
खबरों को व्हट्सएप पर पाने के लिए हमें मैसेज करें : 8267937117