विकास कुमार।
अखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की आत्महत्या की खबर हरिद्वार पहुंचने के बाद उनका शिष्य आनंद गिरी भी अपनी जान देने वाला था। तब हरिद्वार पुलिस के एक सीनियर अफसर ने मौके की नजाकत को भांप आनंद गिरी को समझाया और उनकी काउंसलिंग की जिसके बाद आनंद गिरी थोडी हिम्मत जुटा पाया। Akhada Parishad president Mahant Narendra Giri suicide case
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क्या हुआ था
असल में महंत नरेंद्र गिरी की आत्महत्या के बाद पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट मिला था जिसमें आनंद गिरी का नाम सामने आया था। यूपी पुलिस ने उत्तराखण्ड पुलिस से संपर्क साधा था जिसके बाद आनंद गिरी को श्यामपुर के गाजीवाली स्थित उनके आश्रम में पुलिस उन पर नजर रख रही थी। इधर, पत्रकारों का जमावडा भी श्यामपुर में उनके आश्रम पर लग गया था और लगातार उनसे सवाल—जवाब किए जा रहे थे। एक चैनल के वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि सवाल—जवाब के दौरान एक पल ऐसा आया जब आनंद गिरी मायूस हो या और कहने लगा कि मैं भी आत्महत्या कर लेता हूं। उसकी हालत को भांप वहां मौजूद एक सीनियर अफसर ने तुरंत आनंद गिरी को अलग किया और वहां उनको समझाया।
बताया जा रहा है कि इस सीनियर अफसर ने आनंद गिरी को समझाया कि आपको विचलित नहीं होना चाहिए। न्याय तंत्र आपको भी अपनी बात कहने का मौका देगा और आप हौंसला रखिए तब कुछ देर बाद आनंद गिरी नार्मल हुए।
गौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरी ने आनंद गिरी पर उनका आपत्तिजनक वीडियो वायरल किए जाने का जिक्र अपने सुसाइड नोट में किया था। उन्होंने लिखा था कि हरिद्वार से एडिट किया हुआ वीडियो वायरल किया जाना है जिससे वो परेशान थे। पुलिस अभी सुसाइड नोट की जांच कर रही है।
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आनंद गिरी का आश्रम सीज
हरिद्वार रूडकी विकास प्राधिकरण ने आनंद गिरी के आश्रम को सीज कर दिया है। आनंद गिरी यहां अपना आश्रम तैयार कर रहे थे। वहीं दूसरी ओर प्राधिकरण ने ये कहते हुए कि निर्माण अवैध है इसलिए सील किया गया है।