Haridwar Jail Ramleela हरिद्वार जेल से दो कुख्यात कैदी फरार होने के बाद सोशल मीडिया पर ये कहानी चल रही है कि दोनों कैदी रामलीला मंचन के दौरान वानर सेना के दो सैनिक बने थे और मां सीता के अपहरण के बाद खोजबीन करने गए थे लेकिन खुद फरार हो गए। सोशल मीडिया की इस कहानी को जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने सिरे से नकार दिया है। लेकिन सवाल ये है कि सुरक्षित जेल की दीवारों को कैसे पार किया। पुलिस जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
दो नहीं तीन को भागना था
पुलिस जांच में ये बात सामने आई है कि पंकज और राजकुमार के साथ ही छोटू नाम के एक तीसरे कैदी को भी भागना था। दोनों ने जेल के अंदर ही बन रही एक अति सुरक्षित बैरिक के निर्माण के लिए अंदर लाई गई दो सीढियों का सहारा लेकर दीवार पार की। सिडकुल पुलिस ने बताया कि रामलीला मंचन के दौरान कैदियों को उनकी सेल से बाहर दर्शक दीर्घा तक लाया गया था। इस बीच मौका पाकर पंकज, राजकुमार और छोटू पीछे वाले हिस्से में पहुंच गए और वहां सीढियों को आपस में बांधकर दीवार पार कर ली। पंकज और राजकुमार तो चढ गए लेकिन छोटू सीढी हिलने के कारण नीचे ही रह गया।
Haridwar Jail Ramleela

पंकज हैं प्रवीण वाल्मिकी गैंग का शार्प शूटर
वहीं पुलिस ने बताया कि पंकज 2016 में रुडकी में सफाई नायक बसंत की हत्या का मुजरिम है। ये हत्या जेल में बंद कुख्यात बदमाश प्रवीण वाल्मिकी ने कराई थी। इस मामले में पंकज को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। तभी से पंकज जेल में बद है। वहीं दूसरी और राजकुमार गोंडा का रहने वाला है और अपहरण का आरोपी है। जबकि छोटू एक नाबालिग के साथ दुश्कर्म का आरोपी है।

जेल प्रशासन की लापरवाही
जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने कहा कि घटना के वक्त अधिकारी और जेल गार्ड रामलीला देख रहे थे और दोनों कैदी फरार हो गए। जबकि सीढी भी जेल के अंदर नहीं रहनी चाहिए थी। ये जेल प्रशासन की लापरवाही है इस मामले में जांच के बाद एक्शन लिया जाएगा।