चंद्रशेखर जोशी।
चमोली के जोशीमीठ में जिन भवनों, मकानों में दरारें आ गई हैं और जर्जर हो गए हैं,सरकार ने उन भवन/इमारातों को ध्वस्त करने निर्देश दिए हैं ताकि उनसे और ज्यादा नुकसान ना हो पाए। यहीं प्रभावित क्षेत्रों को खाली कराने के साथ—साथ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भी शिफ्ट करने आदेश दिए गए हैं। जोशीमठ का मौका मुआयना करने लौटे मुख्य सचिव डा. एसएस संधु ने सोमवार को सचिवालय में आला अफसरों के साथ बैठक की और आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव को देखते हुए हमारे लिए एक-एक मिनट बहुत महत्त्वपूर्ण है। Joshimath Disaster Uttarakhand
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पेयजल, सीवर व्यवस्था हो दुरुस्त
उन्होंने कहा कि जहां लोगों को जिस स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है, वहां पेयजल आदि की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही पेयजल विभाग को भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र में टूटी पेयजल लाईनों, सीवर एवं विद्युत लाईनों आदि को भी दुरूस्त करने के निर्देश देते हुए कहा कि भू-धंसाव के कारण पेयजल की टूटी लाइनों से भू-धंसाव बढ़ने और विद्युत लाईनों से प्रभावित क्षेत्र में जानमाल का नुकसान न हो इसके लिए लगातार क्षेत्र पर नजर बनाए रखते हुए उच्चाधिकारियों को भी क्षेत्र में बने रहने के निर्देश दिए।
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चॉपर से जाएंगे विशेषज्ञ, अतिरिक्त तैनाती
मुख्य सचिव ने भू-धंसाव क्षेत्र में टॉ इरोजन ( Toe Erosion) को रोकने के लिए आज से ही कार्य शुरू किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जिन भवनों में दरारें आ चुकी हैं और जर्जर हो चुके हैं, उन्हें शीघ्र ध्वस्त किया जाए ताकि वे भवन और अधिक नुकसान न करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेषज्ञों आदि को प्रभावित क्षेत्र में पहुंचने में समय न लगे इसके लिए चॉपर से पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने मैन पावर को बढ़ाकर कार्यां को शीघ्र पूर्ण किए जाने के भी निर्देश दिए।