mission2022 congress is in contact with bsp leaders in haridwar

चर्चा—ए—आम: हरीश रावत हरिद्वार में बसपा के किस नेता से डील में लगे हैं, क्या है समीकरण


विकास कुमार/फरमान खान।
मिशन 2022 को फतह करने के लिए सभी राजनीतिक दल नए गठजोड बनाने में जुटे हैं। इसी क्रम में उत्तराखण्ड में कांग्रेस के कप्तान हरीश रावत हरिद्वार में दूसरे दलों के नाराज, बागियों और उपेक्षित नेताओं के लिए आस बने हुए हैं और इस आस में खुद भी नए समीकरण बनाने में जुटे हैं। सूत्रों के मुताबिक लक्सर सीट पर बसपा के नेता और तीन बार के जिला पंचायत सदस्य चौधरी बिजेंद्र इन दिनों हरीश रावत के संपर्क में हैं और डील होती है तो चौधरी बिजेंद्र को लक्सर या खानपुर से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। इसके बदले चौधरी बिजेंद्र के साथ उनके ग्रुप के सभी आठ जिला पंचायत सदस्य कांग्रेस के साथ हो जाएंगे, जिसका फायदा हरीश रावत को लक्सर, खानपुर और खासतौर पर हरिद्वार ग्रामीण में मिलेगा। जहां से हरीश रावत या तो खुद चुनाव लड सकते हैं या फिर उनकी बेटी अनुपमा रावत मैदान में होंगी।

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हो चुकी दो दौर की बैठके
विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक हरीश रावत की ओर से उनके खास नेता चौधरी बिजेंद्र के साथा दो बार की बैठकें कर चुके हैं। जिनमें चोधरी बिजेंद्र की ओर से अपनी डिमांड रख दी गई है। वहीं अब हरीश रावत की ओर से इन मांगों पर कोई हरी झंडी नहीं दिखाई गई है। लेकिन बताया जा रहा है कि अगर चौधरी बिजेंद्र के साथ उनका पूरा ग्रुप आता है तो इसके बाद कुछ सकारात्मक फैसला हो सकता है। ये भी बात सामने आई कि अगर लक्सर से चौधरी बिजेंद्र का टिकट संभव नहीं होता है तो उनके ग्रुप के किसी साथी का टिकट हरिद्वार ग्रामीण से कर दिया जाए। हालांकि चौधरी बिजेंद्र बसपा से टिकट मांग रहे थे लेकिन बसपा ने लक्सर से मौहम्मद शहजाद को उतार दिया। जिसके बाद ये सब कोशिशें हो रही है। हालांकि दिक्कत ये भी है कि सैनी समाज के नेता भी लक्सर से टिकट की मांग पर अडे हैं और हरीश रावत एक सैनी को टिकट दे सकते हैं।

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क्या कहते हैं चौधरी बिजेंद्र
चौधरी बिजेंद्र ने बताया कि मैं बसपा में हूं और बसपा से ​ही टिकट मांग रहा हूं। लेकिन बसपा ने यहां से एक बार फिर बाहरी व्यक्ति को टिकट दे दिया है, जो सही नहीं है। पिछले दो बार से हम अगली बार—अगली बार सुन कर चुप हो जाते रहे। लेकिन हम अब निर्णय लेने की स्थिति में हैं। मेरी भी राजनीतिक महत्वाकांक्षा है और हमारे पूरे ग्रुप ने एक राय कर ली है। जहां तक कांग्रेस या अन्य दल के नेताओं से चर्चा की है तो ये एक सामान्य प्रक्रिया है। अगर सकारात्मक परिणाम मिलेगा तो हम भी सकारात्मकता के साथ आगे बढने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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