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अनुपमा रावत को अंसारी बंधुओं ने दिया झटका, कांग्रेस से इस्तीफा देकर मानसिक दबाव बनाया


विकास कुमार।

हरीश रावत के करीबी रहे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने अपने भाई नसीम अंसारी और समर्थकों के साथ आज कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे को हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि अनुपमा रावत हरिद्वार ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ रही हैं और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हनीफ अंसारी का हरिद्वार ग्रामीण सीट पर अच्छा खासा प्रभाव है। प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता करते हुए हनीफ अंसारी ने कहा कि कांग्रेस मुसलमानों को भाजपा का डर दिखाकर अपने पाले में रखना चाहती है।

कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग को न्याय नहीं दिया है। हरिद्वार जनपद से तीन ठाकुर उम्मीदवारों को टिकट दिया लेकिन पिछड़े वर्ग से किसी को भी टिकट नहीं दिया। यही नहीं कांग्रेस ने स्थानीय लोगों से भी विश्वासघात किया है। क्योंकि हरिद्वार की 3 विधानसभा सीटों पर बाहरी उम्मीदवारों को उतारा है उन्होंने हरिद्वार ग्रामीण पर अनुपमा रावत, लक्सर से अंतरिक्ष सैनी, और खानपुर से सुभाष चौधरी का जिक्र करते हुए कहा कि तीनों ही उम्मीदवार बाहरी है। जबकि स्थानीय लोगों को प्राथमिकता नहीं दी गई।

उन्होंने कहा कि आज वह अपने भाई जो जिला पंचायत सदस्य भी हैं नसीम अंसारी व अन्य साथियों के साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे रहे हैं। हालांकि उन्होंने किसी दूसरी पार्टी में जाने से इनकार किया। लेकिन उन्होंने कहा कि वह अब जनता के बीच जाकर लोगों को सही उम्मीदवार के चयन के लिए प्रेरित करेंगे। गौरतलब है कि हरिद्वार ग्रामीण से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत चुनाव लड़ रही हैं और उनके सामने वर्तमान मंत्री स्वामी यतिस्वरानंद चुनाव लड़ रहे हैं। अगर मुस्लिम मतदाताओं में बिखराव होता है तो इसका सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा। क्योंकि पहले से ही बहुजन समाज पार्टी ने आखिरी वक्त पर अपना टिकट बदलकर मुस्लिम प्रत्याशी यूनुस अंसारी को दे दिया। जिसको लेकर हरीश रावत ने तंज कसते हुए कहा था कि पहले उनके साथ धोखा हुआ और अब उनकी बेटी के साथ धोखा किया गया है।

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